महाकाल लोक में मानेगी महाशिवरात्रि, शुक्रवार रात 2.30 बजे खुलेंगे मंदिर के पट...
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में सतत 44 घंटे दर्शन कर सकेंगे भक्त !
उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर शिव विवाह की मंगल बेला आ गई है। शुक्रवार मध्यरात्रि 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। इसके बाद भस्म आरती होगी। शनिवार तड़के चार बजे से आम दर्शन का सिलसिला शुरू हो जाएगा, जो 19 फरवरी की रात 11 बजे पट बंद होने तक सतत 44 घंटे चलेगा। इस दौरान गर्भगृह में भगवान महाकाल की चार प्रहर होने वाली पूजा-अर्चना का क्रम चलता रहेगा।
मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया कि इस बार कार्तिकेय मंडपम में नए प्रवेश द्वार बनाए गए हैं। इन द्वारों से सतत चलायमान व्यवस्था से भक्तों को दर्शन कराए जाएंगे। इससे अधिक देर तक भीड़ एक स्थान पर नहीं रुकेगी और भक्त फ्लो में दर्शन करते हुए निर्गम द्वार की ओर बढ़ जाएंगे। इस व्यवस्था से अधिकतम 50 मिनट में भक्तों को सुविधापूर्वक भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। मंदिर प्रशासन सीहोर के कुबेरेश्वर धाम में उमड़ रहे जन सैलाब पर भी नजर रखे हुए है। वहां से भी भक्त शिवरात्रि पर भगवान महाकाल के दर्शन करने आ सकते हैं।
महाकाल दर्शन करने आने वाले भक्त शुक्रवार रात से कर्कराज पार्किंग के सामने बैरिकेड से दर्शन की कतार में लगेंगे। यहां से पैदल चलते हुए गौंड बस्ती के पास से चारधाम मंदिर पहुंचेंगे। यहां से त्रिवेणी संग्रहालय, महाकाल महालोक होते हुए मानसरोवर द्वार से मंदिर में प्रवेश करेंगे। इसके बाद महाकाल टनल से होते हुए मंदिर परिसर में पहुंचेंगे। परिसर में चार अलग-अलग द्वारों से दर्शनार्थियों को कार्तिकेय व गणेश मंडप में प्रवेश दिया जाएगा। भक्त चलायमान व्यवस्था से महाकाल दर्शन करते हुए बाहर निकल जाएंगे। यह संपूर्ण मार्ग करीब तीन किलो मीटर लंबा है।
- -शुक्रवार रात 2.30 बजे पट खुलने के बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी।
- -शनिवार सुबह 7.30 बजे नित्य आरती होगी।
- -दोपहर 12 बजे तहसील की ओर से शासकीय पूजा होगी।
- -दोपहर तीन बजे से शनि प्रदोष की विशेष पूजा व रुद्र पाठ होगा।
- -शाम छह बजे से सिंधिया व होलकर स्टेट की ओर से पूजा की जाएगी।
- -शाम 7:30 बजे से नित्य संध्या आरती होगी।
- -रात 11 बजे से महानिषा काल में महाकाल की महापूजा शुरू होगी, जो रातभर चलेगी।
- -रविवार तड़के चार बजे भगवान के शीश सेहरा सजाया जाएगा।
- -सुबह छह बजे सेहरा आरती होगी।
- -दोपहर 12 बजे दिन में एक बार होने वाली भस्म आरती होगी।
- -दोपहर दो बजे भोग आरती के बाद शिवरात्रि महापर्व संपन्न होगा।
- -सतत 44 घंटे दर्शन के बाद रविवार रात 11 बजे मंदिर के पट बंद होंगे l
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