संगीतमय भजनों के साथ महिलाओं ने गढ़े लाखों पार्थिव शिवलिंग ...
कृत्रिम अंग पाकर खिले दिव्यांगों के चेहरे
ग्वालियर। फूलबाग मैदान में आयोजित नौ दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा एवं निःशुल्क स्वास्थ्य मेले में पांचवे दिन भगवान बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। कथा व्यास ने पूतना वध, सक्तासुर वध, माखन चोरी, यमलार्जुन उद्धार, वृंदावन वास,गोपी, चीर हरण सहित गोबर्धन की उत्पत्ति और पूजन के प्रसंगों की कथा का श्रवण कराया।
कथा व्यास श्रीगोपाल दास महाराज ने कहा कि नटखट गोपाल अपनी मर्जी से माखन चोरी नहीं करते थे उसके पीछे बड़ा रहस्य होता था। एक बार सभी देवताओं ने मिलकर बाल गोपाल से कहा कि हमें आपके घर पर माखन खाना है। तो भगवान ने कहा कि मैं माँ से मांगूगा तो वह देगी नहीं इसलिए मैं मटकी फोड़ दिया करूंगा आप सभी आकर खा जाया करो। यदि भगवान माखन चोरी नहीं करते तो कुबेर के पुत्र जो वृ़क्ष बने थे उनका उद्धार कैसे होता?
संत श्री ने कहा कि भगवान ने चीर हरण के माध्यम से संसार के अज्ञान रूपी माया के आवरण को हटाने के लिए यह लीला रची। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और प्रकृति प्रेम के लिए गोबर्धन का पूजन कराया। गोबर्धन पूजन के पीछे भी रहस्य था, एक तो उन्होंने इंद्र का दमन किया दूसरा पूर्व वरदान के कारण गिरिराज का पूजन कराकर लोगों को बताया कि जो भी भगवान गिरिराज गोबर्धन की परिक्रमा कर पूजन करेगा उसके सारे कष्ट समाप्त हो जाएंगे। उसके घर में कभी धन्य और धान्य की कमी नहीं रहेगी।
सांसद ने वितरित किए कृत्रिम अंग
सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, लालटिपारा आदर्श गौशाला के महंत ऋषभ देवानंद महाराज, संयोजक जय सिंह कुशवाह, प्रमुख मार्गदर्शक एवं समन्वयक डॉ. केशव पाण्डेय, सह संयोजक अजय चोपड़ा,सुनील गोयल, जीएल भोजवानी, रानी अग्रवाल, लॉयन अनुपम तिवारी,मुख्य यजमान अरविंद गोपेश्वर डंडौतिया, परीक्षित ऋतु सिंह सैंगर एवं अशोक पटसारिया ने गोबर्धन पूजा कर दिव्यांगों को निःशुल्क कृत्रिम अंग वितरित किये और भागवत की आरती की।
1100 महिलाओं ने बनाए 21 लाख शिवलिंग
कथा स्थल पर गुरुवार को दिनभर 1100 महिलाओं ने मिलकर 21 लाख पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। इस दौरान उन्होंने ओम नमः शिवाय का मंत्र जाप भी किया और भजन-कीर्तन गाकर शिव-पार्वती की आराधना की।
150 दिव्यांगों के बने कृत्रिम अंग
स्वास्थ्य मेले में दिव्यांगों को निःशुल्क कृत्रिम अंग एवं सहायक उपकरण वितरित किए जा रहे हैं। इसके तहत दिव्यांग शिविर के दूसरे दिन 150 दिव्यांगों के लिए कृत्रिम अंग, बैशाखी व कैलिपर्स का निर्माण किया गया।
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