G News 24 : पट्टा देने के नियमों में संशोधन करेगी मध्य0 प्रदेश सरकार

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पट्टा देने के नियमों में संशोधन करेगी मध्य0 प्रदेश सरकार

भोपाल। भू-माफिया और पट्टा माफिया पर नकेल कसने के लिए राज्य सरकार सरकारी भूमि पर आवासहीनों को पट्टा देने के नियमों में संशोधन करने जा रही है। अब उन्हीं लोगों को पट्टा दिया जाएगा, जिन्हें पहले कभी पट्टे की भूमि नहीं दी गई हो।

इसके लिए सर्वे करवाया जाएगा और यह देखा जाएगा कि संबंधित ने पहले पट्टा लिया है या नहीं। यदि पट्टा लिया है, तो भूमि बेच तो नहीं दी। पड़ताल में ऐसा पाया जाता है, तो उसे पट्टा नहीं मिलेगा। बता दें कि पट्टा माफिया बार-बार भूखंड ले लेते हैं और उस भूमि को या उस पर मकान बनाकर बेच देते हैं और फिर आवासहीन बनकर पट्टे की मांग शुरू कर देते हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाल ही में सरकारी भूमि पर 31 दिसंबर, 2020 तक काबिज लोगों को आवासीय पट्टे देने की घोषणा की है। इसके बाद एक बार फिर नगरीय निकायों में सरकारी भूमि पर कब्जे होने लगे हैं। इसे देखते हुए वर्ष 2020 के लिए किए जाने वाले सर्वे में नए प्रविधान जोड़े जा रहे हैं।

नगरीय विकास एवं आवास विभाग के सूत्र बताते हैं कि इस बार सर्वे के दौरान यह देखा जाएगा कि किसी ने पहले से तो पट्टा नहीं ले रखा है। इसके लिए उसका आधार नंबर लेकर सर्च किया जा सकता है। इतना ही नहीं, सर्वे के दौरान आसपास के लोगों से भी बात की जाएगी। इससे यह भी पता चलेगा कि पट्टे की भूमि किराए पर दी है या किसी को ट्रांसफर की है। ऐसे मामलों में विभाग संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करेगा। ऐसे लोगों से पूर्व में दिया गया पट्टा भी वापस लिया जा सकता है।

विभाग ने सर्वे की तैयारी पूरी कर ली है। अब कैबिनेट की अनुमति का इंतजार है। यह मिलते ही 31 दिसंबर, 2020 तक सरकारी भूमि पर काबिज लोगों का सर्वे शुरू हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले सरकार ने 31 दिसंबर, 2014 तक सरकारी भूमि पर काबिज होने वालों को पट्टे दिए थे। विधानसभा चुनाव 2018 के पहले मुख्यमंत्री ने 31 दिसंबर 2018 तक सरकारी भूमि पर कब्जा करने वालों को पट्टा देने की घोषणा की थी। इन्हें पिछले साल पट्टे दिए गए हैं।

भाजपा प्रदेश के सभी 230 विधानसभा क्षेत्रों में विकास यात्रा निकाल रही है। इसमें भी आवासहीन-भूमिहीनों को पट्टा देने की घोषणा की जा रही है। ऐसे लोगों के प्रकरण मौके पर भी स्वीकृत भी किए जा रहे हैं। शहरों में झुग्गी माफिया सक्रिय हैं, जो सौ रुपये के स्टांप पर अपनी झुग्गी बेच देते हैं और नए स्थान पर फिर एक झुग्गी खड़ी कर लेते हैं। कई मामलों में लोगों ने दान पत्र लिखकर झुग्गी बेच दी।

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