आतंकवादियों ने जो कायराना हरकत की थी उसे…
ना भूलेंगे और ना कभी माफ करेंगे !
जम्मू कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के आतंकवादियों ने जो कायराना हरकत की थी उसे भारतीय भारतवासी ना कभी भूलेंगे और ना कभी माफ करेंगे सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले से 40 जवानों का वीरगति को प्राप्त होना भारत की संप्रभुता सुरक्षा और अखंडता को सीधी चुनौती था उस दिन यह खबर जिसने भी सुनी सन रह गया था सबकी जुबान पर एक ही सवाल था आखिर कब तक हम ऐसी कायराना हरकत को बर्दाश्त करते रहेंगे हर किसी की नजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर थी।
देशवासी समस्त मतभेदों को भुलाकर एकजुट हो गए थे भारत की ओर से इसका जवाब दिया जाना चाहिए था भारत सरकार ने दृढ़ता दिखाते हुए जवाब दिया भी एयर स्ट्राइक के रूप में यह पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार था जिसे वह हमेशा याद रखेगा हमारी वायु सेना के विमान बालाकोट में बम बरसा कर आए तो भारतवासियों में भरोसा शक्ति का दुगना संचार हो गया था निसंदेह नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद पाकिस्तान को लेकर देश के रूप में बहुत सखती आई है एयर स्ट्राइक की प्रतिक्रिया में पाक ने बहुत शोर मचाया खुद को पीड़ित की तरह दिखाने की कोशिश की थी लेकिन उसे किसी की हासिल नहीं हुई थी।
यह भारतीय कूटनीति की भी जीत थी मोदी ने बतौर प्रधानमंत्री अपने पहले कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को आमंत्रित किया था पाद में उनके पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए अचानक पाकिस्तान चले गए थे यह भारत की ओर से पाकिस्तान के लिए खुले दिल का इजहार था जो उसे रास नहीं आया हमें बदले में पठानकोट उरी पुलवामा हमले मिले उरी के बाद सर्जिकल स्ट्राइक और पुलवामा के बाद एयर स्ट्राइक कर भारत ने साफ कर दिया कि अब सब्र का बांध टूट चुका है। शिशुपाल के अपराध कृष्ण सदैव क्षमा नहीं करेंगे एक समय ऐसा आएगा जब सुदर्शन निकालना ही पड़ेगा। सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक के बाद बात को समझ में आ गया कि अब भारत उसके गुनाह माफ नहीं करेगा।
हालांकि उसने छोटे स्तर पर अपनी गतिविधियां जारी रखी है उसके आतंकवादी एलओसी पार करने का दुस्साहस करते रहते हैं जो भारतीय सुरक्षा बलों द्वारा मार गिराए जाते हैं साल 1971 में जब भारत ने पाक को उसकी हरकतों का दंड देते हुए उसके दो टुकड़े कर दिए थे और रावलपिंडी के 93 हजार अधिकारियों जवानों ने घुटने टेक दिए थे तो यह पड़ोसी देश वर्षों तक परेशान करता आ रहा था फिर जनरल जिया उल हक ने पंजाब और जम्मू कश्मीर में आतंकवाद को हवा दी थी पाक के मन में भारत के प्रति भय निकल गया था हमें यह समझना होगा कि पाकिस्तान को सीधी राह पर रखने के लिए उसके मन में भारत के प्रति भय होना जरूरी है जो कि पाक को सामान्य देश नहीं है उसकी जड़ में भारत से नफरत है उसके साथ भय बिन प्रीत नहीं का सूत्र लागू करना होगा।
जब पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में 2611 हमले को अंजाम दिया था तो तत्कालीन सरकार को कठोर फैसला लेना चाहिए था उस हमले में विदेशी नागरिकों की भी मौत हुई थी अगर भारत सरकार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई नहीं की तो पाकिस्तान हिंसा और आतंक की नीति आसानी से नहीं छोड़ेगा इसके लिए एलओसी पर आने वाले आतंकवादियों का खात्मा करना ना काफी है जब तक पाकिस्तान की फौज पर प्रहार नहीं होगा तब तक रावलपिंडी और इस्लामाबाद को आतंकवाद की असल कीमत का एहसास नहीं होगा पाकिस्तान के मन में भारत का भय बनाए रखने के लिए जो जरूरी हो वह करना ही चाहिए इसीमें भारत और पाकिस्तान की आम जनता के जीवन की सुरक्षा निहित है।
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