HC ने विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग को जनहित के विपरीत माना

हाई कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अंतिम निर्णय के अधीन...

हाई कोर्ट ने विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग को जनहित के विपरीत माना

जबलपुर। हाई कोर्ट ने माध्यमिक शिक्षक भर्ती की आगामी प्रक्रिया को याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन कर दिया है। अभ्यर्थियों ने उक्त भर्ती के विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग की थी। इसके लिए पूर्व से लंबित याचिओं के तहत अंतरिम आवेदन पेश किया गया था। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने कहा कि विज्ञापन पर रोक लगाना जनहित में नहीं है।याचिकाकर्ता जबलपुर निवासी शिवानी शर्मा व रीवा निवासी अवधेश त्रिपाठी सहित 50 की ओर से पक्ष रखा गया। 

अधिवक्ता संजय राम ताम्रकमार व सचिन पांडे ने दलील दी कि आरटीई के तहत गणित और विज्ञान विषय को संयुक्त रूप से पहले स्थान पर रखा जाता था। विभाग ने 2018 में माध्यमिक शिक्षक भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया। विज्ञान विषय को अलग-अलग कर दिया गया है। विभाग ने विज्ञान की सीटें कम कर दी हैं। इसके तहत स्कूल शिक्षा विभाग में विज्ञान के लिए 50 सीटें व आदिवासी विभाग के लिए 446 सीटें तय की गई थीं। वहीं गणित के क्रमश: 1312 और 1783 सीटें निर्धारित की गई हैं। प्रथम और द्वितीय चरण की काउंसलिंग के बाद विज्ञान की सीटें नहीं के बराबर बची हैं। ऐसे में विज्ञान विषय के अभ्यर्थियों का हक मारा जा रहा है।

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