G.News 24 : अडानी समूह की धोखाधड़ी से दुनियाभर के शेयर बाजारों में मचा हड़कंप

भारतीय शेयर बाजारों की साख सारी दुनिया के देशों में गिरी…

अडानी समूह की धोखाधड़ी से दुनियाभर के शेयर बाजारों में मचा हड़कंप

नई दिल्ली। अमेरिका की वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह की कंपनियों द्वारा जो फर्जी दस्तावेज तैयार कर कंपनी का मुनाफा बढ़ाने शेयरों के दामों में गड़बड़ी करने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बैंकों से भारी लोन लेने शेयर स्टॉक में गड़बड़ी करपरिवार के नियंत्रण वाली मुखौटा कंपनियों द्वारा केरबियाईमारीशस और संयुक्त अरब अमीरात से मनी लांड्रिंग और कर चोरी की डिटेल रिपोर्ट प्रस्तुत की है। इससे दुनियाभर के शेयर बाजारों में हड़कंप मच गया है। भारतीय बैंक और वित्तीय संस्थानों में भी अफरा तफरी का माहौल मच गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी समूह के संस्थापक और चेयरमैन गौतम अडानी का नेटवर्क वर्तमान में 120 अरब डालर का है। पिछले 3 वर्षों में 100 अरब डालर से ज्यादा की नेटवर्क में वृद्धि हुई है। जिससे सारी दुनिया के देश और उद्योगपति हैरान हैं। अडानी समूह ने कृत्रिम मुनाफा दिखाकर बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बड़ा कर्ज लिया है। 

भारत की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने अडानी समूह की 7 कंपनियों में पिछले 3 वर्षों में बढ़े हुए रेट पर शेयरों में निवेश किया है। रिपोर्ट में बताया गया है। कि सुनियोजित रूप से अडानी समूह ग्रुप ने शेयर स्टाक मे भारी गड़बड़ी ओर फर्जी एकाउंटिंग के जरिए हजारों करोड़ों रुपए का घोटाला समूह की हर कंपनी मे हर स्तर पर किया गया है। इस घोटाले की चैन में लाखों करोड़ों रुपए की गड़बड़ी हुई है।हिंडनवर्ग ने शोध के लिए अडानी समूह के पूर्व वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई वित्तीय विशेषज्ञों के साथ जानकारी को साझा किया है। इस वित्तीय गड़बड़ी के बारे मंम सभी संबंधित संस्थाओं और पक्षों से जानकारी प्राप्त की है। हजारों दस्तावेजों का परीक्षणक्रेडिट एजेंसी द्वारा किया गया है। क्रेडिट एजेंसी ने  6 देशों में जाकर अडानी समूह की कंपनियों के बारे में सारी जानकारी इकट्ठी की है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि समूह की प्रमुख सूचीबद्ध कंपनियों ने बड़े पैमाने पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर्ज लिया है। 

बैंक में शेयर गिरवी रखे अडानी समूह की  कंपनियों के शेयर के दाम शेयर बाजार के माध्यम से  कृतिम तरीके से ऊंचे दामों पर पहुंचाए गए। उसके बाद कंपनी ने बढ़े हुए दामों पर बैंकों मे शेयर गिरवी रखकर भारी कर्ज लिया। पिछले 3 वर्षों में सुनियोजित रूप से कंपनी ने वित्तीय गड़बड़ी करने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कर819 फ़ीसदी की तेजी कंपनी के शेयरों में वृद्धि दर्ज कराकर भारी घोटाला किया है। पिछले 3 सालों में 100 अरब डालर की कमाई बताकरबैंकों और वित्तीय संस्थानों निवेशकों के साथ सुनियोजित रूप से धोखाधड़ी करने की बात दस्तावेजों से उजागर हुई  है। 2022 में कंपनी का मुनाफा एकाएक घट गया।जबकि पिछले 3 वर्षों में यह हनुमान जी की पूंछ की तरह मुनाफा लगातार बढ़ रहा था। 15 सितंबर 2008 को लेहमैन ब्रदर्स अमेरिका में दिवालिया हो गई थी। उस समय भी क्रेडिट कंपनियों ने जैसे ही लेहमन ब्रदर्स की क्रेडिट घटाई थी उसके बाद अमेरिका सहित सारी दुनिया में हड़कंप मच गया था। 

अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कई बैंकों से वित्त पोषण और पुनर्गठन के प्रयास किए।किंतु कोई भी सफल नहीं रहा।इसके बाद कंपनी ने 600 बिलियन अमेरिकी डालर की दिवालिया कंपनी घोषित की। जैसे ही लेहमन ब्रदर्स की वित्तीय स्थिति का खुलासा हुआ। उसके तुरंत बाद शेयर बाजारों में 4.5 फ़ीसदी से ज्यादा की गिरावट आ गई थी। अमेरिका सहित सारी दुनिया के मुद्रा बाजार म्यूचल फंडबैंक अमेरिकी डॉलर इत्यादि गंभीर वित्तीय संकट में पहुंच गए थे। शेयर स्टॉक में दुनियाभर के निवेशकों को भारी नुकसान हुआ था। 2008 के लेहमैन ब्रदर्स के वित्तीय संकट से अमेरिका सहित सारी दुनिया के देशों की अर्थव्यवस्था गड़बड़ा गई थी।कुछ यही स्थिति अब भारत की अर्थव्यवस्था और दुनिया के अन्य देशों में जहां-जहां अडानी समूह की कंपनियों के कारोबार हैं। अथवा जिनसे अडानी समूह की कंपनियों ने कर्ज ले रखा है।शेयर बाजार के जरिए जिन कंपनियों ने अडानी समूह की कंपनियों के शेयर खरीद या गिरवी रखे हैं। सबके सामने भारी आर्थिक संकट पैदा हो गया है।

अडानी समूह की आर्थिक अनियमितताओं की रिपोर्ट सामने आते ही भारतीय शेयर बाजार का सेंसेक्स 773 अंक फिसल गया। निवेशकों के 3.5 लाख करोड़ रुपए एक ही झटके में डूब गए। अदानी समूह के शेयरों को गिरने से रोकने के लिए भारतीय जीवन बीमा निगम ने भारी खरीदारी भी की। लेकिन बाजार को गिरने से नहीं रोक पाए। पिछले कुछ वर्षों में भारतीय बैंकों ने विशेष रूप से स्टेट बैंक आफ इंडिया एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने विशेष रूप से भारतीय जीवन बीमा निगम सहित नवरत्न कंपनियों ने अडानी समूह की कंपनियों में शेयर स्टॉक की भारी खरीदारी की है। वर्तमान स्थिति को देखते हुए सबसे ज्यादा खतरा भारतीय  बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को होने जा रहा है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए बड़ा खतरा पैदा हो गया है। जब सारी दुनिया के देश आर्थिक मंदी और महंगाई की मार से परेशान हैं। उस समय पर यह घोटाला भारत की अर्थव्यवस्था के लिए आत्मघाती साबित हो सकता है।

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