मप्र में उद्योगों को किसी अनुमति की जरूरत नहीं...
मुख्यमंत्री के दावे की सच्चाई में है जमीन-आसमान का अंतर !
इंदौर l मप्र में हुई ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दुनियाभर की कंपनियों के सामने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वादा किया कि उन्हें मप्र में किसी भी उद्योग के लिए किसी भी अनुमति की जरूरत नहीं है। यहां तक कि शुरुआत के 3 साल तक कोई भी अधिकारी जांच करने के लिए नहीं आएगा। मुख्यमंत्री ने अपने इस दावे पर दुनियाभर के निवेशकों को जोरदार तालियां बटोरते हुए ये भी कहा कि मप्र में निवेश के द्वार खोलने के लिए यह बहुत बड़ी घोषणा है। हालांकि, निवेशकों के सामने वादा कर चुके मुख्यमंत्री की यह बात सिर्फ लघु, सूक्ष्म और मध्यम श्रेषी के उद्योगों के लिए ही सच साबित होगी।
एमएसएमई इंडस्ट्री के लिए सरकार ने पहले से कुछ क्षेत्र तैयार किए हुए हैं जहां पर उद्योग लगाने पर कंपनियों को मुख्यमंत्री के इस वादे की सुविधाएं मिलेंगी। मुख्यमंत्री ने दो दिवसीय ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 29 लाख लोगों को रोजगार मिलने के साथ लगभग साढ़े 15 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव का दावा किया। प्रशासन और राजनेताओं ने दावा किया कि इस कार्यक्रम में निवेश प्रस्तावों की झड़ी लग गई हालांकि इनमें से कितने धरातल पर उतरेंगे ये आने वाले समय में ही पता चलेगा।
सिंगल विंडो सिस्टम पर भी दिया जोर
इन्वेस्टर्स मीट में इस बार भी सिंगल विंडो सिस्टम पर जोर दिया गया। निवेशकों के लिए आसान नीतियां बनाने पर जोर दिया गया ताकि वे अधिक से अधिक पैसा लगाएं। इस दो दिन के समिट के दौरान अलग से एक सेशन भी रखा गया जिसमें बताया गया कि निवेशकों को कितनी सुविधा के साथ मप्र में निवेश के मौके मिलेंगे।
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