G.News 24 : MP बिजली उपलब्धता में सरप्लस स्टेट बनी : ऊर्जा मंत्री तोमर

प्रदेश की बिजली उपलब्ध क्षमता 22  हजार 730  मेगावॉट है...

मध्यप्रदेश बिजली उपलब्धता में सरप्लस स्टेट बनी : ऊर्जा मंत्री तोमर

ग्वालियर। मध्यप्रदेश में उपभोक्ताओं को सुचारू रूप से बिजली प्रदाय को सुनिश्चित करने के लिए राज्य की सरकार कृत संकल्पित है। पिछले वर्षो में बिजली की उपलब्धता में वृद्धि के लिए किये गये प्रयासों से अब मध्यप्रदेश बिजली उपलब्धता में सरप्लस स्टेट बन गया है। वहीं बिजली की सप्लाई सुनिश्चित बनाये रखने को दो और 132  केवीए के सब स्टेशन खोले जायेंगे। उक्त जानकारी आज पत्रकारों से साझा करते हुये प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्र सिंह तोमर ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की बिजली उपलब्ध क्षमता 22 हजार 730 मेगावॉट है। प्रदेश में औद्योगिक, वाणिज्यकसहित सभी गैर कृषि उपभोक्ताओं को लगभग दस घंटे बिजली प्रदाय की जा रही है। वहीं वर्तमान में रबी मौसम में 30  दिसंबर 22  को 17 हजार 65  मेगावाट की अधिकतम बिजली की मांग की सफलतापूर्वक पूर्ति विभाग द्वारा की गई जो प्रदेश के इतिहास में सर्वाधिक है।  

उन्होंने बताया कि मप्र पावर जनरेटिंग कंपनी द्वारा अमरकंटक ताप विद्युत गृह में 4666  करोड की लागत से 660  मेगावाट द्वामता की एक नई इकाई की स्थापना प्रस्तावित है। मंत्री तोमर ने बताया कि विद्युत वितरण कंपनियों के सतत प्रयासों से एवं राज्य शासन के समर्थन से प्रदेश की तकनीकी और वाणिज्यक हानियां जो वर्ष 2019 -20  में 31. 4 हो गई थीं को कम कर अब २० प्रतिशत तक किया गया है। तोमर ने बताया कि स्मार्ट मीटर योजना में वितरण कंपनियों द्वारा प्रथम चरण में 23 लाख स्मार्ट मीटर लगाया जाना प्रस्तावित है। ऊर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश 2023  में ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर के तहत उपकेन्द्रों एवं लाइनों का निर्माण पूरा कर लिया गया है। आरपीओ दायित्वों की पूर्ति करते हुये नवकरणीय ऊर्जा की निकासी के लिए ग्रिड स्टेबिलिटी सुनिश्चित करने के लिए 12  अति उच्च दाब उपकेन्द्रों एवं संबंधित 46  पारेषण लाइनों का निर्माण निर्धारित समय में पूरा किया गया है। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि राज्य शासन द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं को विगत वर्ष में 21306  करोड की सब्सिडी प्रदान की गई है। 

इस वर्ष यह राशि बढकर लगभग 22472 करोड होना अपेक्षित है। अटल गृह ज्योति योजना में 100  वाट तक के संयोजित भार के 30  यूनिट तक की मासिक खपत वाली उपभोक्ता श्रेणी एलव्ही 1.1  के अनुसूचित जाति जनजाति के गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले उपभोक्ताओं को प्रतिमाह 25  रूपये का बिल दिया जा रहा है। अंतर की राशि राज्य शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को दी जा रही है। वहीं प्रदेश के सभी घरेलू उपभोक्ताओं को जिनकी मासिक खपत 150  यूनिट तक है प्रथम 100 यूनिट की खपत के लिए अधिकतम 100  रूपये का बिल दिया जा रहा है एवं अंतर की राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में वितरण कंपनियों को दी जा रही है। वहीं अटल कृषि ज्योति योजना के तहत 10 हार्सपावर तक के अनमीटर्ड स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 750  रूपये प्रति हार्स पावर प्रतिवर्ष एवं 10  हार्स पावर से अधिक के अनमीटर्ड स्थाई कृषि पंप कनेक्शनों को 1500  रूपये प्रति हार्सपावर प्रतिवर्ष की फ्लेट दर से विद्युत प्रदाय किया जा रहा है। 

वहीं दस हार्स पावर तक के मीटरयुक्त स्थाई कृषि पंप कनेक्शन एवं अस्थाई मीटर्ड एवं अन मीटर्ड कृषि पंप कनेक्शनों को भी मासिक नियत प्रभार एवं उर्जा प्रभार में रियायत दी गई है। इस योजना से 26  लाख कृषि उपभोक्ता लाभान्वित हो रहे हैं। उर्जा मंत्री तोमर ने बताया कि जल्द ही 132  केवीए का सब स्टेशन सिकंदर कंपू, बिलौआ पर स्थापित किया जाएगा इसके लिए 151  करोड की राशि का प्रावधान किया गया है। वहीं ट्रांसफार्मर के पास फेंसिंग की जाएगी और शेष स्पेश पर प्रचार प्रचार की उपलब्धता होगी इससे लोगों को प्रचार प्रसार का माध्यम मिलेगा और विद्युत विभाग को भी लाभ होगा। उन्होंने बताया कि अब बिजली विभाग बिजली की दरों में कमी का भी प्रयास कर रही है। पत्रकार वार्ता में निदेशक डीपीएस यादव, सीजीएम राजीव गुप्ता, जीएम नितिन मांगलिक, जीएम ओ एंड एम दिनेश सुखीजा , पीआरओ मनोज द्विवेदी आदि मौजूद थे।

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