भारतीय सेना का गौरवशाली इतिहास...
15 जनवरी को भारतीय सेना के रूप में पहचान मिली इसलिए मनाते हैं सेना दिवस : राधिका गर्ग
ग्वालियर। 15 जनवरी हम सभी देशवासी परिचित हैं की 1949 से पहले ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में हमारी सेना की पहचान थी लेकिन 15 जनवरी 1949 से भारतीय सेना के रूप मे हमारी पहचान सुनिश्चित हुई हमारी सेना अंग्रेजों से आजाद हुई और जनरल केएम करिअप्पा को भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ घोषित किया गया इसी दिन जनरल सर फ्रांसिस बुचर ने करिअप्पा को भारतीय सेना की कमान सौंपी तभी से भारतीय सेना 15 जनवरी को "इंडियन आर्मी डे" गौरव के रूप में मनाती आ रही है उक्त उद्गार आशा दिव्यांग स्कूल आर्मी हेड ऑफ डिपार्टमेंट राधिका गर्ग ने कारगिल शहीद सरमन सिंह खेल एवं शिक्षा प्रसार संस्था एवं आशा दिव्यांग स्कूल आर्मी ग्वालियर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित 75 वे सेना दिवस एवं आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम कारगिल शहीद सरमन सिंह पार्क जेल रोड ग्वालियर में आशा स्कूल आर्मी के दिव्यांग बच्चों के बीच भ्रमण कार्यक्रम के दौरान विचार व्यक्त किए संस्था सचिव विहबल सेंगर ने कहा कारगिल युद्ध शौर्य स्मारक पर दिव्यांग आशा स्कूल के बच्चों का भ्रमण ग्वालियर वासियों में अवश्य जागृति फैलाएगा कारगिल युद्ध साधारण युद्ध नहीं था l
सारे विश्व की निगाह इस युद्ध पर थी क्योंकि दुनिया में जितने भी युद्ध लड़े गए वह सब सामान्य धरातल पर लड़े गए लेकिन कारगिल का युद्ध दुर्गम उबड़ खाबड़ एवं ऊंची ऊंची बर्फीली चोटियों पर लड़ा गया जहां ऑक्सीजन की कमी थी ऊंची ऊंची चोटिया और उन चोटियों के आसपास गहरी गहरी खाईया ऊंची बर्फीली चोटियों पर दुश्मन बारूद गोला लेकर के सुरक्षित बैठा है और हमारी सेना उन चोटियों के नीचे है जहां किसी प्रकार का चोटियों पर चढ़ने के लिए रास्ता नहीं है अत्यंत विपरीत परिस्थितियों का सामना करते हुए हमारी भारतीय सेना ने अदम साहस और पराक्रम का परिचय देते हुए दुश्मन को उन चोटियों पर मार गिराया और भारतीय भूभाग को दुश्मनों से मुक्त कराया हमारी सेना का गौरवशाली इतिहास रहा है l
इस अवसर पर दिव्यांग बच्चों जिनमें कृष्णा ,नंदिनी ,शिवम नैतिक ,रचित ,पार्थ ,प्रियांशु, कृष्णा श्रीवास्तव ने शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित की एवं इंडियन आर्मी डे के फ्लेक्स पर तिरंगा झंडा के 3 रंगों की चित्रकारी की एवं फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में भाग लिया मंत्रता शर्मा के द्वारा गीत गाया गया इस अवसर पर अरुणा मैम ,पत्रिका मैम, प्रज्ञा मैम, अनीता मैम, मेजर सूरज आर्मी के हवलदार जेसीओ एवं बड़ी संख्या में आर्मी के जवान साथ ही स्थानीय लोगों में एकात्मता शर्मा, मनोज त्रिपाठी, भरत गुर्जर, शुभम कुशवाह, बजरंग राठौड़ ,अमर सिंह भैया, अंशुमान सेंगर ,राघवेंद्र विशेन,रामस्वरूप बाथम, संजीवतिवारी आदि ने सैनिकों को सैल्यूट किया एवं स्मारक पर पुष्पा अर्पित कर स्मारक भ्रमण किया l
जन गण मन के गायन से कार्यक्रम का समापन किया गया एवं आशा स्कूल के दिव्यांग बच्चे महारानी लक्ष्मी बाई के स्मारक फूल बाग पर रवाना हो गए और वहां पहुंचकर रानी लक्ष्मीबाई को पुष्प अर्पित किए संस्था के सचिव विहवल सेंगर ने बताया कि आशा स्कूल ग्वालियर के दिव्यांग छात्र (विकलांग, दृष्टिबाधित ,मूक बधिर )आदि बच्चों को थल सेना के शौर्य पराक्रम त्याग और बलिदान के विषय में जानकारी दी गई जिससे कि बच्चे भारतीय सेना के शौर्य पराक्रम साहस वीरता एवं बलिदान से परिचित हो । यह युद्ध स्मारक कारगिल युद्ध की समग्र जानकारी अपने आप में समेटे हुए हैं सेना दिवस के अवसर पर पूरा देश भारतीय सेना की वीरता अदम्य साहस और शौर्य की दास्तां को बताता है हमारे देश में सेना दिवस की उपलब्धियां पर कार्यक्रम देश के विभिन्न स्थानों पर मनाए जाते हैं इस अवसर पर आर्मी के ऑफिसर जेसीओ मेजर स्कूल के प्राचार्य अध्यापक एवं दिव्यांग टेकर उपस्थित थे l
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