गरीबों की आवाज बने प्रीतम लोधीः उमा भारती

 भाजपा से निष्कासित प्रीतम लोधी ...

गरीबों की आवाज बने प्रीतम लोधीः उमा भारती

ग्वालियर। पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता उमा भारती यूं तो अक्सर अपने बयानों के कारण चर्चा में रहती हैं लेकिन इन दिनों उनके बयान भाजपा के लिए सिरदर्द बने हुए हैं। रविवार को उमा भारती भाजपा से निष्कासित प्रीतम लोधी से मिलने उनके गांव जलालपुर पहुंची जहां उन्होंने सड़क किनारे चौपाल लगाई और प्रीतम लोधी की जमकर पीठ ठोकी और उन्हें नसीहत दी कि गरीबों की लड़ाई को आगे बढ़ाएं। उमा भारती ने कहा कि भाजपा द्वारा निष्कासित किए जाने के बाद प्रीतम लोधी गरीबों की आवाज बन कर सामने आए हैं।

उमा भारती के करीबी प्रीतम लोधी को ब्राह्मणों को लेकर की गई कथित टिप्पणी के बाद भाजपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया था। हालांकि उन्होंने अपनी टिप्पणी के लिए माफी भी मांग ली थी लेकिन भाजपा ने ब्राह्मणों को नाराज करने के बजाए प्रीतम लोधी को निष्कासित करना बेहतर समझा। उमा भारती ने कहा कि प्रीतम लोधी ने माफी मांग कर अपना धर्म निभाया लेकिन जिन्हें माफी देना थी वह भूल गए। ऐसा करने से गलती करने वाले को और गलतियां करने का मौका मिलता है।

प्रीतम से मिलने उनके घर आई

उमा भारती ने कहा कि जयंत मलैया को नोटिस मिला उनका बेटा अभी भी पार्टी से निष्कासित है। भाजपा नेता जयंत मलैया से मिलने पहुंचे थे। ऐसे में अगर मैं प्रीतम के घर नहीं जाती तो पिछड़ा वर्ग के लोग यही समझते कि पार्टी उनके साथ नहीं है।

एक जुट होकर ही पा सकते हैं अपने अधिकार

चौपाल में उन्होंने हनुमान और जामवंत का प्रसंग सुनाया और कहा कि रीछ और वानरों ने एकजुट होकर पूरी लंका को ध्वस्त कर दिया था। इसलिए अपने अधिकारों को पाने के लिए हम सभी को एकजुट होना पड़ेगा। इस चौपाल में उमा भारती ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर में भी अजा, जजा और अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण मिलना चाहिए। लड़ाई इस बात की भी लड़ी जाए कि ओबीसी का आरक्षण कम ना हो l

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