करणी सेना के पांच लोग 5 प्रमुख मांगे को लेकर बैठे भूख हड़ताल पर

 जातिगत आरक्षण समेत 21 सूत्रीय मांगों को लेकर...

करणी सेना के पांच लोग 5 प्रमुख मांगे को लेकर बैठे भूख हड़ताल पर 

भोपाल l जातिगत आरक्षण समेत 21 सूत्रीय मांगों को लेकर करणी सेना ने भोपाल में जनआंदोलन किया। प्रशासन की अनुमति खत्म होने के बाद भी  देर रात तक आंदोलन जारी है। सरकार की तरफ से मांगों को पूरा करने का लिखित आवश्वासन देने की मांग को लेकर जीवन सिंह शेरपुर समेत पांच लोग भूख हड़ताल पर भी बैठ गए। इस बीच देर रात तक करणी सेना के कार्यकर्ता मोबाइल के टॉर्च की रोशनी में नारे बाजी करते रहे।

भोपाल का जंबूरी मैदान पर हो रहे आंदोलन में कुंडा उत्तरप्रदेश के बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का भी आना तय था, लेकिन आयोजकों ने बताया कि फ्लाइट छूटने के कारण वे नहीं आ सके। करणी सेना परिवार के कार्यकर्ताओं का शनिवार सुबह से ही भोपाल पहुंचना शुरू हो गया था। इसमें प्रदेश के कई जिलों के साथ ही राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश समेत अन्य राज्यों के लोग शामिल हैं। यह लोग बस, ट्रक, ट्रेन समेत अपने वाहनों से भोपाल पहुंचे। यह अपने साथ ठहरने के इंतजाम के साथ पहुंचे। जंबुरी मैदान में लाखों लोगों के एकत्रित होने से भोपाल में कई रास्तों पर जाम जैसी स्थिति निर्मित हो गई है। पुलिस की तरफ से लोगों को परेशानी से बचाने के लिए पहले से ही रूट डायवर्ट किया गया।

करणी सेना की 5 प्रमुख मांगे

  • देश में जाति के आधार पर आरक्षण व्यवस्था बंद हो। आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए।
  • एससी-एसटी एक्ट में जांच के बाद ही गिरफ्तारी हो।
  • ईडब्यल्यू आरक्षण में भूमि व मकान की बाध्यता समाप्त हो।
  • एससी-एसटी एक्ट की तरह सामान्य पिछड़ा एक्ट बनाया जाए, एससी-एसटी एक्ट किए जाने वाले अत्याचार से रक्षा करें।
  • भर्ती कानून बने। हर वर्ष नियमित भर्तियां निकाली जाएं।

करणी सेना को जंबूरी मैदान पर एक दिन के प्रदर्शन की अनुमति मिली थी, लेकिन मैदान में पहुंचे ज्यादातर लोग दो से चार दिन का राशन साथ लेकर पहुंचे। उनके पास रसोई गैस सिलेंडर व लकड़ी भी थी, जिसका उपयोग उन्होंने रात में अलाव जलाने में भी किया। जीवन सिंह ने बताया कि हमने अनशन शुरू किया है। मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि एक दिन के प्रदर्शन की अनुमति थी, जिसे नहीं बढ़ाया गया है। प्रदर्शनकारियों से बात चल रही है। यदि वे नहीं लौटते हैं तो दूसरी रणनीति पर विचार किया जाएगा। खबर लिखे जाने तक लाखों की तादात में कार्यकर्ता अपना डेरा जमाए हुए थे। और उनके संकल्प को देझकर लगता है कि यह आंदोलन लंबा चलने वाला है।

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