गणिनी आर्यिकाश्री पनिहार से पद विहार कर दिगंबर जैन मंदिर पहुँची...
मोबाइल ने आज सत्य को झूठ बोलना सिखा दिया : गणिनी आर्यिकाश्री
ग्वालियर l अहंकार और लोभ को त्यागने के बाद ही जीवन में शांति संभव है। जब तक मनुष्य विषय वासनाओं और भौतिक सुखों के चक्कर में लगा रहेगा तब तक उसे वास्तविक सुख की प्राप्ति नहीं हो सकती। यह उद्गार गणिनी आर्यिकाश्री आर्ष मति माताजी ने आज सिकंदर कंम्पू स्थित दिगंबर शांतिनाथ जैन मंदिर में धर्म सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए।
गणिनी आर्यिकाश्री ने कहा कि मनुष्य की असली परेशानी यह है कि उसके अंदर संतुष्टि का भाव नहीं रह गया है और भागमभाग में वह तनाव और अवसाद से ग्रस्त होता जा रहा है। इसमें उसकी अपनी कमियां भी जिम्मेवार हैं। सामाजिकता का भाव उसमें रहा नहीं है जिससे उसको परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और वह अपने खुद के बुने जाल में उलझता जा रहा है। गणिनी आर्यिकाश्री कहा कि आप सभी ने सत्य बोलने के लिए तलाक ले लिया है। इसलिए कभी सत्य नहीं बोलते। सत्य बोलने वाले की कीर्ति दूर दूर तक होती है। मोबाइल ने आज सत्य को झूठ बोलना सिखा दिया।
गणिनी आर्यिकाश्री आर्षमति माताजी ससंघ का पनिहार जैन मंदिर से ग्वालियर सिकंदर कंम्पू जैन मंदिर के लिए मंगल विहार हुआ। गणिनी आर्यिकाश्री आर्षमति माताजी ससघ पनिहार से आईपीएस कॉलेज में रात्रि विश्राम कर आज शनिवार को सुबह जैन समाज के लोगो के साथ पद विहार कर सिकंदर कंम्पू दिगंबर जैन मंदिर पहुची। सिकंदर कंम्पू जैन समाज के लोगो ने ढ़ोल तासे के साथ अगवानी की। वही गणिनी आर्यिकाश्री का समाजजनों ने उनके चरणों का पादप्रच्छलन कर आरती उतरकर मंगल आशीर्वाद लिया। गणिनी आर्यिकाश्री मंदिर पहुँचने पर भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा के भव्य दर्शन किए।
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