1456 रिक्त पद इस वर्ष भरे जाने की उम्मीद...
इसके पहले 2015 में चिकित्सा अधिकारियों के 1470 पदों पर भर्ती शुरू की गई थी। इसमें साक्षात्कार के बाद करीब आठ सौ डाक्टर ही मिल पाए थे। उसके बाद भी जब-जब भर्ती हुई तो विज्ञापित पदों में से 50 से 60 प्रतिशत चिकित्सक ही मिले हैं।इसका बड़ा कारण यह है कि डाक्टर बड़े जिलों को छोड़कर छोटे जिलों में जाना नहीं चाहते। इस कारण प्रदेश के करीब 350 प्राथमिक स्वास्थ केंद्रों में स्थायी डाक्टर नहीं हैं। इनमें से कुछ जगह पर बंधपत्र के तहत एक वर्ष की अनिवार्य ग्रामीण सेवा के लिए मिले डाक्टरों को पदस्थ किया गया है।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डाक्टरों की भर्ती साक्षात्कार के माध्यम से की जाएगी। इसके अधिकतम 100 अंक होंगे। इसमें अनारक्षित वर्ग के लिए 41प्रतिशत और मध्यप्रदेश के मूल निवासी आरक्षित वर्ग के लिए 31 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य किया गया है।
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