सम्मेद शिखर मामले पर जैन समाज दी आंदोलन की चेतावनी
सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में जैन समाज का विशाल धरना
ग्वालियर l सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाये के विरोध में सकल जैन समाज ने विरोध करते हुए ग्वालियर के इंदरगंज चौराहा पर भारी तादाद में महिलाओं और पुरूषों के साथ कड़कड़ाती ठंड में धरना दिया। इस मौके पर सभी ने एक आवाज में सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाये जाने का विरोध किया। यह विवाद दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है इसको लेकर वर्तमान सरकार परेशान है। यह विरोध देश भर में व्यापक पैमाने पर किया जा रहा है। अब इसका विरोध अब झारखंड राज्य में न रहकर और भी राज्यों में देखा जाने लगा है।
इन्दरगंज चौराहा पर जैन समाज के धरना में कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक, सतीश सिकरबार मौजूद रहें और इन्होंने ने धरना स्थल पर संबोधित करते हुए जैन समाज की मांग का समर्थन किया। धरना सुबह 10 बजे से लेकर शाम 4 बजे तक चला। जिसके तहत मध्यप्रदेश के इन्दौर से सांसद शंकर लालवानी ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को एक पत्र लिखा औरे सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने के विरोध में रांची में आन्दोलन करने की चेतावनी दी है। सम्मेद शिखर जैन धर्म की आस्था का केंद्र है। जो झारखंड राज्य के पारसनाथ पर्वत पर स्थित है। ऐसी मान्यता है कि यहां पर 24 में से 20 तीर्थंकरो ने मोक्ष की प्राप्ति की थी । इसके अलावा ऐसा कहा जाता है कि 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ ने भी निर्वाण प्राप्त किया था ।
जिसकी वजह से इस पवित्र पर्वत के शिखर तक श्रद्धालु पैदल जाते है। मान्यता के अनुसार जैन धर्म का यह पवित्र स्थल है। जिसको केंद्र सरकार ने साल 2019 में इस स्थल को इको सेंसिटिव जोन घोषित किया था। जिसके बाद झारखंड सरकार ने इसे पर्यटन स्थल घोषित कर दिया था । यहां पर शराब मांस इन सब का सेवन प्रतिबंधित है लेकिन अभी हाल में ही एक युवक की शराब पीते हुए वीडियो वायरल हुआ था। जिसके बाद जैन समुदाय का कहना है कि मांस और शराब का सेवन होने से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। इसके बाद ये मामला विवाद का कारण बन गया इसका विरोध दिल्ली के प्रगति मैदान में भी हुआ कई राज्यों में इसका विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है। बता दें कि जैन प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर इसे धार्मिक स्थल घोषित करने की मांग की है।
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