पिनाक भवन से भीड़ की निगरानी…
चार चरणों में होगी श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा
वाराणसी। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर की सुरक्षा व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। धाम की सुरक्षा व्यवस्था चार चरणों में होगी। पुलिस के गर्भगृह तक जाकर विशिष्ट लोगों के दर्शन-पूजन कराने पर रोक लग सकती है। मंदिर प्रबंधन के लोग ही श्रद्धालुओं को कतारबद्ध कर गर्भगृह तक दर्शन कराने के लिए ले जाएंगे। मंदिर की सुरक्षा के लिए गठित हाई पावर कमेटी की ओर से फरवरी के पहले सप्ताह तक इसे मंजूरी मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने मंदिर की सुरक्षा का खाका तैयार कर रहा है। इसमें प्रशासन व पुलिस को सुझावों को भी शामिल किया गया है। धाम की सुरक्षा चार चरणों में होगी।
इसके अनुसार मुख्य द्वार पर श्रद्धालुओं को बेरोकटोक आवागमन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। धाम के सभी द्वारों पर आधुनिक मेटल डिटेक्टर व स्कैनर लगाए जाएंगे। इसमें श्रद्धालु अपने सामानों की जांच कराकर ही अंदर प्रवेश कर पाएंगे। मंदिर परिसर में सीआरपीएफ व जल पुलिस के जवान तैनात रहेंगे। पुलिसकर्मियों को मंदिर में अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। मुख्य द्वार पर पुलिस को तैनात किया जाएगा, जो मेटल डिटेक्टर से जांच कर श्रद्धालुओं को अंदर प्रवेश की अनुमति देंगे। मंदिर के अंदर सुरक्षा एजेंसियों के जवान बगैर शस्त्र के तैनात रहेंगे, जो श्रद्धालुओं की गतिविधियों पर पैनी नजर रखेंगे। शस्त्रधारी जवानों की ड्यूटी मंदिर परिसर के बाहर होगी। गर्भगृह और इसके आसपास सुरक्षा में तैनात कर्मचारी बिना वर्दी में होंगे।
श्रद्धालुओं को कतारबद्ध करने का काम मंदिर प्रबंधन के लोगों का होगा। मंदिर के अंदर इलेक्ट्रानिक उपकरण प्रतिबंधित रहेंगे। श्रद्धालु केवल प्रसाद लेकर ही अंदर प्रवेश कर सकेंगे। धाम की सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी के लिए पिनाक भवन का निर्माण कराया गया है। यहां तैनात पुलिसवाले सीसीटीवी कैमरे के जरिए धाम के अंदर भीड़ पर नजर रखेंगे। जिस द्वार पर अधिक भीड़ होगी, वहां से श्रद्धालुओं को दूसरे द्वार पर भेजने की व्यवस्था बनेगी। मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा बताते हैं कि सुरक्षा से संबंधित प्रशासन व पुलिस के सुझाव सीआईएसएफ को भेज दिए गए हैं। हाई पावर कमेटी की संस्तुति मिलने पर महाशिवरात्रि से पहले नई व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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