अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री का दावा...
पुलवामा हमले के बाद परमाणु युद्ध के करीब थे भारत-PAK !
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने अपनी किताब में लिखा है कि उनका मानना था कि भारत अपने परमाणु हथियारों की तैनाती की तैयार में था। हमें कुछ घंटों का समय लगा और नई दिल्ली तथा इस्लामाबाद में हमारी टीमों ने बहुत अच्छा काम किया।
अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने दावा किया है कि तत्कालीन भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें बताया कि पाकिस्तान फरवरी 2019 में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद परमाणु हमले की तैयारी कर रहा है। यह सुनकर वह दंग रह गए थे। पोम्पिओ के मुताबिक, सुषमा स्वराज ने कहा था कि इसको देखते हुए भारत भी आक्रामक प्रतिक्रिया की तैयारी कर रहा है।
मंगलवार को लॉन्च की गई अपनी नई किताब 'नेवर गिव एन इंच: फाइटिंग फॉर द अमेरिका आई लव' (Never Give an Inch: Fighting for the America I Love) में पोम्पियो ने कहा कि यह घटना तब हुई, जब वह 27-28 फरवरी को अमेरिका-उत्तर कोरिया शिखर सम्मेलन के लिए हनोई में थे। इसके बाद उनकी टीम ने इस संकट को टालने के लिए भारत और पाकिस्तान के साथ रात भर काम किया था। पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा, मुझे नहीं लगता कि दुनिया को पता है कि फरवरी 2019 में भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव परमाणु हमले के कितना करीब आ गया था।
59 वर्षीय पूर्व अमेरिकी राजनयिक ने किताब में लिखा है, उनका मानना था कि भारत अपने परमाणु हथियारों की तैनाती की तैयार में था। हमें कुछ घंटों का समय लगा और नई दिल्ली तथा इस्लामाबाद में हमारी टीमों ने बहुत अच्छा काम किया। प्रत्येक पक्ष को समझाया कि वे परमाणु युद्ध की तैयारी नहीं करेंगे। हालांकि, पोम्पिओ के दावों पर विदेश मंत्रालय की तरफ से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की गई है। गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारतीय सेना ने फरवरी 2019 में पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर हमला कर तबाह कर दिया था।
पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ का कहना है कि उन्होंने अपनी समकक्ष सुषमा स्वराज को कभी भी 'महत्वपूर्ण राजनीतिक खिलाड़ी' के रूप में नहीं देखा, लेकिन विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ उनकी पहली मुलाकात में ही उनके साथ अच्छी दोस्ती हो गई। पोम्पिओ ने अपनी किताब में सुषमा स्वराज के लिए स्लैंग शब्दों का उपयोग किया है। स्वराज मई 2014 से मई 2019 तक विदेश मंत्री थीं। अगस्त 2019 में उनका निधन हो गया था। उन्होंने किताब में लिखा है कि उनके काल में भारतीय विदेश नीति टीम में महत्वपूर्ण खिलाड़ी नहीं था। इसके बजाय, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी और भरोसेमंद विश्वासपात्र राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ अधिक निकटता से काम किया।
साथ ही उन्होंने लिखा है कि उनके दूसरे भारतीय समकक्ष सुब्रह्मण्यम जयशंकर थे। मई 2019 में, हमने उनका भारत के नए विदेश मंत्री के रूप में स्वागत किया। मैंने उनसे बेहतर समकक्ष नहीं देखा था। मैं उनसे प्यार करता हूं। अंग्रेजी उन सात भाषाओं में से एक है, जो वह बोलते हैं, और उनकी भाषा मेरी भाषा से बेहतर है। पोम्पिओ ने जयशंकर का वर्णन करते हुए कहा कि वह पेशेवर, तर्कसंगत, और अपने बॉस तथा अपने देश के प्रखर रक्षक हैं।
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