फ्लाइट में पेशाब करने की घटना पर…
नियमों का उल्लंघन करने पर एयर इंडिया पर 30 लाख रुपए का जुर्माना !
नई दिल्ली। एयर इंडिया की फ्लाइट में पेशाब करने की घटना पर विमान कंपनी के खिलाफ शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की गई है। डीजीसीए नागरिक उड्डयन नियमों का उल्लंघन करने पर एयर इंडिया पर 30 लाख रुपए का जुर्माना लगा दिया गया है। इसके अलावा पायलट-इन कमांड का लाइसेंस भी तीन महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। पायलट पर यह कार्रवाई विमान नियम-1937 के नियम 141 और लागू डीजीसीए के नागरिक उड्डयन नियमों के तहत अपनी ड्यूटी निभाने में विफल रहने पर की है। इसके अलावा एयर इंडिया की उड़ान सेवाओं में निदेशक पर तीन लाख रुपए का फाइन लगाया है।
मामले में पीड़ित महिला ने एयर इंडिया पर समय रहते एक्शन न करने और कंप्रोमाइज कराने का आरोप लगाया था जिसके बाद डीजीसीए ने एयर इंडिया पर कारण बताओ नोटिस जारी किया था। इसके बाद डीजीसीए ने एयर इंडिया से कहा है कि आपके खिलाफ एक्शन क्यों न लिया जाए। आपने अपना दायित्व ठीक तरह से नहीं निभाया है लेकिन फिर भी न्यायिक प्रक्रिया को देखते हुए आपको जवाब देने के लिए दो हफ्ते का समय दिया जाएगा। उसके आधार पर ही आगे की कार्रवाई होगी।
महिला यात्री ने अपनी शिकायत में लिखा था कि मैं फ्लाइट ए-वन102 पर अपनी बिजनेस क्लास यात्रा के दौरान हुई भयानक घटना के बारे में अपनी गहरी निराशा व्यक्त करने के लिए लिख रही हूं। यह मेरी अब तक की सबसे दर्दनाक उड़ान रही है। उड़ान के दौरान दोपहर के भोजन के तुरंत बाद लाइट बंद कर दी गई थी। जब मैं सोने की तैयारी कर रही थी तभी नशे में धुत्त एक यात्री उनकी सीट पर आया और उसने पेशाब कर दी। दूसरे यात्रियों ने उसे हटाने की कोशिश की फिर भी वह नहीं माना। उन्होंने एआई केबिन क्रू को इस घटना के प्रति असंवेदनशील बताया। उन्होंने कहा कि क्रू ने उन्हें केवल कपड़े बदलने के लिए बस एक जोड़ी पजामा और चप्पल दी लेकिन हरकत करने वाले पुरुष यात्री के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पिछले साल 26 नवंबर को न्यू यॉर्क से दिल्ली आ रही फ्लाइट में नशे में धुत शंकर मिश्रा ने बिजनेस क्लास में बैठी 70 साल की महिला यात्री पर पेशाब कर दिया था। इस मामले पुलिस ने 7 जनवरी को बैंगलुरु से आरोपी को गिरफ्तार किया था। जानकारी के मुताबिक घटना के 42 दिन बाद उसे गिरफ्तार किया जा सका था। मुंबई का रहने वाला शंकर लगातार फरार चल रहा था जिसके बाद उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया गया था। बाद में पुलिस ने आरोपी के मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे अरेस्ट किया था। पुलिस ने उसके खिलाफ 354 294 509 510 आईपीसी के तहत केस दर्ज किया है।
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