मध्य प्रदेश में 20 हजार स्थायी और दैनिक वेतनभोगियों को मिलेगा सातवां वेतनमान !

 कोर्ट से जीतने वाले कर्मचारी को होगा चार से पांच हजार रुपये महीने का लाभ...

मध्य प्रदेश में  20 हजार स्थायी और दैनिक वेतनभोगियों को मिलेगा सातवां वेतनमान !


भोपाल। सातवें वेतनमान की लड़ाई हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जीत चुके करीब 20 हजार स्थायी और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को सरकार सातवें वेतनमान का न्यूनतम लाभ देने की तैयारी कर रही है। इसके लिए वित्त विभाग ने नर्मदा घाटी विकास, जल संसाधन, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी और लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों की बैठक 19 जनवरी को बुलाई है। इस बैठक में न्यायालय से जीतकर आने वाले कर्मचारियों की संख्या, उनको सातवें वेतनमान का लाभ देने पर सरकारी खजाने पर आने वाले आर्थिक भार पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

इन चार विभाग के स्थायी और दैवेभो कर्मचारी सातवें वेतनमान को लेकर न्यायालय की शरण में गए थे। इनमें से ज्यादातर के मामले में विभिन्न न्यायालयों ने सरकार को सातवें वेतनमान का लाभ देने के निर्देश दिए हैं। इन मामलों पर विचार के लिए बैठक बुलाई गई है। बैठक में न्यायालयों में इस संबंध में विचाराधीन प्रकरणों पर भी चर्चा की जाएगी। यदि सरकार सातवें वेतनमान का लाभ देने का निर्णय लेती है तो 15500 रुपये वेतन पाने वाले अकुशल, 17500 रुपये पाने वाले अर्द्धकुशल और 19500 रुपये पाने वाले कर्मियों को चार से पांच हजार रुपये महीने का लाभ होगा।

कर्मचारियों ने कहा-सभी को मिले लाभसभी विभागों में स्थायीकर्मी और दैवेभो कर्मचारी हैं, लेकिन सरकार सिर्फ न्यायालय से जीते कर्मचारियों के बारे में सोच रही है। इससे कर्मचारी नाराज हैं। वे कहते हैं कि सरकार को सभी को समान रूप से लाभ देना चाहिए। इसे लेकर मप्र कर्मचारी मंत्र के अध्यक्ष अशोक पाण्डेय ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञात हो कि प्रदेश में 48 हजार स्थायीकर्मी और 20 हजार दैवेभो कर्मचारी हैं l

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