जिस देश ने हमें गुलाम बनाया, उसे हमने पछाड़ा...
हमारा खून का रिश्ता है, पासपोर्ट का नहीं : जयशंकर
इंदौर में तीन दिन चलने वाला प्रवासी भारतीय सम्मेलन शुरू हो गया है। पहले दिन युवा प्रवासी भारतीयों के सेशन को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आप इंदौर आए हैं तो एक बार समय निकालकर सराफा बाजार जरूर जाएं। एक बार जाएंगे तो बार-बार जाने का मन करेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्री ठाकुर की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा, मैं तो कहता हूं कि आप सभी छप्पन दुकान भी जाइएगा। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इंदौर की तारीफ की।
उन्होंने कहा, इंदौर न केवल देश का सबसे स्वच्छ शहर है, बल्कि यह बड़े दिलवालों का भी शहर है। मैं सराफा तो नहीं गया लेकिन कल रात 56 दुकान जरूर गया था। तीन दिन तक चलने वाले प्रवासी भारतीय सम्मेलन में 70 देशों के 3200 प्रवासी भारतीय शामिल हो रहे है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल होंगी। गुयाना के राष्ट्रपति मो. इरफान अली मुख्य अतिथि और सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी विशेष अतिथि होंगे। गेस्ट ऑफ ऑनर ऑस्ट्रेलिया हाउस ऑफ पार्लियामेंट की सदस्य जेनेटा मेस्क्रेन्हेन्स रहेंगी।
युवा प्रवासियों से विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा भारत के युवा दुनिया से हमें जोड़ने में बड़ी भूमिका निभा रहा हैं। ये आपसी रिश्तों का ही असर है कि 34 मिलियन भारतीय आज विदेशों में हैं। प्रधानमंत्री इसीलिए कहते हैं, हमारा खून का रिश्ता है पासपोर्ट का नहीं। आप जब एयरपोर्ट से आए होंगे तो आपने इन्फ्रास्ट्रक्चर देखा होगा। किस तरह से विकास हो रहा है। इंदौर में जो इन्फ्रास्ट्रक्चर देख रहे हैं वो प्रधानमंत्री मोदी के गति शक्ति मिशन का परिणाम है।
जयशंकर ने इंदौर की सफाई की तारीफ करते हुए कहा लोग इंदौर को देश के सबसे स्वच्छ शहर के रूप में जानते हैं। आप सभी ये भी जानते हैं कि ये शहर आतिथ्य और हृदय से स्वागत करने के नाम पर भी जाना जाता है। जो लोग लंबे अंतराल के बाद इंदौर आए हैं उन्होंने नोटिस किया होगा कि यहां डिजीटल एक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर में काफी बदलाव हो गया है। टेक्नोलॉजी और स्पोर्ट्स के साथ स्टार्टअप और टूरिज्म में युवाओं की ऊर्जा अकल्पनीय है।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा पिछले साल भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। ये भारत के युवाओं ने ही पिछले आठ साल में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप देश हो गया है। 80 हजार से ज्यादा स्टार्टअप भारत में हैं। जहां दुनिया कोरोना से लड़ रही थी, उस समय भारत के युवा अपने स्टार्टअप को यूनिकॉर्न का दर्जा दिलाने का काम कर रहे थे। उस समय भारत के 50 स्टार्टअप को यूनिकॉर्न का दर्जा मिला।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा गूगल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में भारतीय ही भारतीय नजर आएंगे। डेवलपमेंट से लेकर बोर्ड रूम तक भारतीय हैं। कई जगह भारतीय न हो तो कंपनी का ही काम ठप हो जाए। उन्होंने कहा कोई पक्षी यदि डाल पर बैठा है तो उसे पेड़ या डाल पर नहीं अपने पंखों पर भरोसा है। भारतीय इंजीनियरों ने अपने दम पर लोहा मनवाया है। खेल, टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप में भारत आगे बढ़ रहा है।
0 Comments