विश्वास कम हुआ, तब दरवाजे का जन्म हुआ...

Pearls of Wisdom

विश्वास कम हुआ, तब दरवाजे का जन्म हुआ...

शक्कर को चाहे अंधेरे में खाएं या उजाले में, 

मुँह मीठा ही होता है....

उसी प्रकार अच्छे कर्मों को हम अनजाने में भी करें, 

तो भी उसका फल मीठा ही होगा....!!!!


विश्वास कम हुआ,

तब दरवाजे का जन्म हुआ,

विश्वास घात हुआ 

तब ताले का जन्म हुआ,

और विश्वास जब एकदम ही खत्म हो गया 

तब,सी.सी.टीवी कैमरे का जन्म हुआ।


रिश्तों का स्वाद हर रोज बदलता  है

मीठा, नमकीन या खारा...!

बस ये इस बात पर निर्भर करता है

कि हम प्रतिदिन

अपने रिश्ते में क्या मिला रहे है !

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