गुरु गोबिंद सिंह जयंती पर
शबद कीर्तन के बाद निकाली भव्य नगर कीर्तन यात्रा
ग्वालियर। सिख समाज द्वारा मनाए जा रहे तीन दिवसीय प्रकाशोत्सव में गुरुवार को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर मुख्य कार्यक्रम का आयोजन फूलबाग स्थित गुरुनानक देव गुरुद्वारा में किया गया। जिसमें रागी जत्थों ने पहले शबद कीर्तन के माध्यम से गुरु की महिमा सुनाई, जिसके बाद शहर के प्रमुख मार्गों से नगर कीर्तन निकाला।स्पेशल बस में विराजमान गुरुग्रंथ साहब की सवारी के महिलाएं और युवक-युवतियां पानी का छिड़काव करते हुए रोड पर झाड़ू लगाकर गुरु ग्रंथ साहिब के लिए रास्ता साफ करते हुए आगे चल रहे थे l ठंड के मौसम में महिलाएं एवं युवतियां नंगे पांव पानी का छिडक़ाव कर स्वच्छता का संदेश दे रही थी। इस अवसर पर गुरुद्वारा को आकर्षक रोशनी से सजाया गया।
इस अवसर पर सिख संगत ने फूलबाग गुरुद्वारा पहुंचकर मत्था टेककर शबद कीर्तन का लाभ लिया। उसके बाद हजूरी ग्रंथी गुरुद्वारा फूलबाग जतिन्दर सिंह ने अरदास की। जिसके बाद सजे कीर्तन दरबार में बड़ी संख्या में उपस्थित सिख संगत को ज्ञानी निर्मल सिंह धूलकोट वाले, हजूरी ग्रंथी गुरुद्वारा फूलबाग जतिन्दर सिंह, कर्ता बंधन छोड़ गुरुद्वारा के भाई गुरजंत सिंह ने गुरु की महिमा का वाचन किया। साथ ही हजूरी रागी जत्था गुरुद्वारा फूलबाग, रागी कमलजीत सिंह जालंधर वाले, द्रष्टा बंधन छोड़ गुरु द्वारा का रागी जत्था भाई कुलविंदर सिंह ने शबद कीर्तन कर गुरु की वीरता एवं सिख धर्म की रक्षा के लिए उनके परिवार की शहादत का बखान किया।
तत्पश्चात लंगर में प्रसाद पाकर दोपहर में नगर कीर्तन निकाला गया जो फूलबाग गुरुद्वारा से शुरू होकर शहर के प्रमुख मार्गों नदी गेट, जयेंद्रगंज, ऊंट पुल, दौलतगंज, महाराज बाड़ा, सराफा, राममंदिर, फालका बाजार, शिंदे की छावनी, एमएलबी रोड होते हुए देर रात वापस गुरुद्वारा पहुंचा, जिसमें सबसे आगे दिल्ली की गतका टीम पंजाबी युद्ध कौशल का हैरतअंगेज प्रदर्शन करते हुए चल रही थी। साफ सडक़ पर पंच प्यारे हाथों में तलवार लेकर निकले जिनके पीछे फूलों से सजी पालकी में गुरुग्रंथ साहब विराजमान थे। पालकी के पीछे सिख समाज की महिलाएं कीर्तन करती हुई चल रही थीं।
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