कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव हुआ टांय-टांय फिस्स !

नेता प्रतिपक्ष पर उनके MLA को ही विश्वास नहीं : संसदीय कार्य मंत्री

कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव हुआ टांय-टांय फिस्स !

भोपाल l मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का तीसरा दिन हंगामेदार रहा। कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष में जमकर बहस हुई। विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाए। वहीं, संसदीय मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष का हवा-हवाई अविश्वास प्रस्ताव टांय टांय फिस हो गया। उन्होंने कमलनाथ की अनुपस्थिति पर भी चुटकी ली। संसदीय कार्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विपक्ष अविश्वास लाया। हमारे नेता शिवराज सिंह चौहान ने सहज स्वीकृति दी। मिश्रा ने कहा कि मैंने पहले दिन भी कहा था और आज भी कह रहा हूं कि यह एक ऐसा अविश्वास है। 

जिसमें सदन के सदस्य कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष, पूर्व नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री पूरे समय अनुपस्थित थे। उन्होंने अविश्वास नेता प्रतिपक्ष के अविश्वास पर जताया। मैंने सदन और अपने भाषण में भी यह कहा। नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष पर उनके विधायकों का विश्वास नहीं है। नेता प्रतिपक्ष का कांग्रेस अध्यक्ष पर विश्वास नहीं। विधायकों पर कार्यकर्ताओं का विश्वास नहीं। कांग्रेस पर जनता का विश्वास नहीं है। एक भी आरोप किसी तथ्य और प्रमाण के आधार पर नहीं लगा पाए। न लिखित में दे पाए न मौखिक कोई प्रमाण बताया। हवा-हवाई आरोप जो कि नियम प्रक्रिया के विपरीत है। जब आप कोई आरोप लगाते है तो उन्हें जवाब देने का समय दिया जाता है। 

पूरा अविश्वास प्रस्ताव टांय-टांय फिस्स हो गया। यह पूरा का पूरा अविश्वास प्रस्ताव बिना तैयारी और तथ्यों के बगैर था। नेता प्रतिपक्ष को कोई कांग्रेस का विधायक नेता प्रतिपक्ष मानने को तैयार नहीं हैं। ऐसी हास्यास्पद स्थिति आज सदन की थी।नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कमलनाथ जी कहते हैं कि केंद्र में संसदीय कार्य मंत्री रहा हूं। मेरा लंबा संसदीय जीवन है। मैं बहुत अनुभवी हूं। केंद्रीय मंत्री रहा हूं। मुख्यमंत्री रहा हूं। नेता प्रतिपक्ष रहा हूं। अभी वर्तमान में सदन के विधायक हैं। लेकिन बहुत पीड़ा और दु:ख है। अविश्वास जो विपक्ष का सबसे मजबूत हथियार होता है, उसमें कमलनाथ जी उपस्थित ही नहीं हुए।

गोविंद सिंह ने कांग्रेस की खोली कलाई

अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार का पक्ष रखते हुए मंत्री गोविंद सिंह ने 15 महीने की कांग्रेस सरकार की कलाई खोल कर रख दी। गोविंद सिंह ने कहां कि कांग्रेस सरकार में तीन-तीन विधायकों की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हम कैबिनेट में जाते तो हमसे काम की जगह उनके बारे में पूछा जाता। वह कहां है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने सरकार बनाने से पहले संविदाा कर्मचारियों को परमानेंट, बेरोजगारी भत्ता, निराश्रित पेंशन को 300 से बढ़ाकर 1 हजार रुपए करने का वादा किया। सरकार बनने के हम गांव जाते तो महिलाएं हमसे पूछती कि हमारे 1 हजार रुपए कब मिलेंगे। हम कोई जवाब नहीं दे पाते। जब हम वापस आकर चर्चा करते तो हमें जवाब दिया जाता कि घोषणाएं पूरी करने के लिए नहीं होती। गोविंद सिंह ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टीकमगढ़ में एक जनसभा में वचन पत्र की मांगे पूरी नहीं करने पर सड़क पर उतरने की बात कही। इस पर कमलनाथ जी ने कहा कि उतर जाएं। इसलिए हम सड़क पर उतर गए। 

बीजेपी ने कुंठा का दस्तावेज बताया 

मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव को कुंठा का दस्तावेज बताया। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में न तथ्य हैं न तर्क हैं। यह पहली बार देखने को मिला कि विपक्ष ने सदन के पटल पर एक भी तथ्य या तर्क नहीं रखा। जिसका जवाब दिया जा सके। सिंह ने कहा कि कांग्रेस की सवा साल की सरकार के भ्रष्टाचार के ढेरों मामले हमारे पास हैं जिन्हें सार्वजनिक करने में प्रदेश की बदनामी होगी। सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि कांग्रेस का अविश्वास प्रस्ताव कुंठाग्रस्त होकर लाया गया ऐसा सतही दस्तावेज है जो महज अखबारों की कतरनों पर आधारित है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सवा साल के कार्यकाल ने मध्यप्रदेश में लुटेरों की मानसिकता से काम करते हुए पूरे प्रदेश को आर्थिक रूप से तबाह कर दिया था।  कांग्रेस की सरकार यदि नहीं गिरती तो यह संभावना बन रही थी कि मध्यप्रदेश की हालत 2003 के पहले वाले मध्यप्रदेश जैसी हो जाती। मंत्री  ने सदन में कहा कि मेरे पास वह एक्सेल शीट है जिसमें इन्कमटैक्स के छापे में नामों की सूची है जिनके आगे राशि लिखी हुई है। मैं इस एक्सेल शीट को सदन में पढ़ना नहीं चाहता,इससे राज्य की बदनामी होगी।

Reactions

Post a Comment

0 Comments