1971 के शहीदों की याद में 17 दिसंबर को मैराथन
देश की जनता के प्यार और विश्वास ने सेना को ताकतवर बना दिया : ब्रिगेडियर बर्मा
ग्वालियर l 16 दिसंबर 1971 आज ही के दिन भारत की पाकिस्तान पर विजय को लेकर विजय दिवस मनाया मनाया गया कारगिल शहीद सरवन सिंह खेल एवं शिक्षा प्रसार संस्था एवं स्टेशन हैडक्वाटर सोना मुख्यालय ग्वालियर के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित यह विजय दिवस का कार्यक्रम बड़ी धूमधाम से जेल रोड स्थित शहीद सरमन सिंह पार्क पर मनाया गया साथ ही 1971 युद्ध के शहीदों की प्रदर्शनी का भी अवलोकन उपस्थित जन समुदाय ने किया सेना के ब्रिगेडियर श्री संदीप वर्मा ने ससस्त्र सैन्य सलामी के माध्यम से विजय स्तंभ शौर्य स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किए पुष्प चक्र अर्पित करने वालों में एनसीसी के कैडेट सेना के अधिकारी संस्था के अध्यक्ष राकेश जादौन संस्था के सचिव विहवल सेंगर ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीदों को सैल्यूट किया l
अपने उद्बोधन में ब्रिगेडियर संदीप वर्मा ने कहा की 1971 युद्ध के शहीदों को याद करने के लिए विजय दिवस के अवसर पर कारगिल शहीद सरमन सिंह का यह स्मारक इसलिए चुना गया क्योंकि यह बड़ी यूनिक कहानी है पूरे हिंदुस्तान में बहुत ही अभूतपूर्व स्मारक हैं जैसा कि सभी को विदित है कारगिल युद्ध स्मारक जहां ए लड़ाई हुई दास सेक्टर में दूसरा स्मारक मुजफ्फरनगर के सुखताल तीर्थ में और तीसरा मध्यप्रदेश के ग्वालियर में निर्माणाधीन है भारत-पाकिस्तान के ऐतिहासिक युद्ध में हमारे देश के वीरों ने सर्वोच्च पराक्रम एवं बलिदान देकर इस विजय को प्राप्त किया है भारत सदैव ही वीर योद्धाओं की भूमि रहा है उसका सुनहरा उदाहरण ग्वालियर में यहां से कुछ दूर आगे बढ़कर फूलबाग में उस वीर नारी की समाधि के रूप में निशानी बनी हुई है जिसको हम सब को पूजना चाहिए नमन करना चाहिए यह निशानी आज से बहुत साल पहले 18 57 में दी थी इस भारत की भूमि पर ना सिर्फ आदमी बल्कि औरतें भी किस वीरता के जुनून को अपने हृदय में रखती हैं किस बहादुरी के साथ हर दुश्मन से लड़ने को तैयार रहती हैं ये तो उसी भावना के साथ इस ग्वालियर की जनता ने 1971 का युद्ध देखा है l
अगर यह प्यार विश्वास व प्रोत्साहन जो देश की जनता सेना को देती है वह नहीं होता है तो खून की वह तेजी व गर्मी देखने को नहीं मिलती है इसलिए यह अवसर यह दिन जिसको हम विजय दिवस के नाम पर मनाते हैं यह ना सिर्फ हमारे देश की वीर सैनिकों और उनके पराक्रम की निशानी है वल्कि उसके पीछे कहीं जनता की भी निशानी है जिसने अपने प्यार से विश्वास से और अपने जुनून के साथ में सेना को इतना ताकतवर बना दिया है कि दुश्मन उनके सामने ठहर नहीं पाए इसलिए मैं इस देश की जनता को और खास तौर पर ग्वालियर के नागरिकों को जिनका वीरता शूरवीरता, पराक्रम और दुश्मन से लोहा लेने का साहस इतिहास के अंदर स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है और 1857 से की लड़ाई से उस समाधि गवाह के रूप में मौजूद है जो आने वाले समय में जब भी यदि जरूरत पड़ेगी तो देश की जनता सेना को इसी प्रकार प्यार और विश्वास वह ताकत देती रहेगी l
संत ऋषभदेवानन्द ने अपने उद्बोधन में कहा कि जिन की गौरव गाथा में जाने की जानने की आवश्यकता है ताकि हमारे मन वही भाव प्रकट हो क्योंकि सेना राष्ट्र के सीमाओं की रक्षा करती है और विशेष आवश्यकता पड़ने पर राष्ट्र के अंदर भी सेवाएं देती है ठीक उसी प्रकार से संत जो धर्म और अधर्म की क्या सीमा हैं किस प्रकार से हमारा आचार, विचार, व्यवहार होना चाहिए किस प्रकार का जो कर्म है वह हमारा धर्म माना जाएगा और कौन सा कर्म हमारा अधर्म माना जाएगा। श्रीमद्भागवत गीता में भगवान कृष्ण ने 18 अध्याय के माध्यम से वही ज्ञान दिया और किन विपरीत परिस्थितियों में हमारा आचार विचार ,व्यवहार किस प्रकार से होना चाहिए और हमारा कर्तव्य किस प्रकार का होना चाहिए और जो पुरुषार्थ है वह पुरुषार्थ के समय हम बचने का प्रयास करते हैं तो वह कहीं ना कही मातृ ऋण, पितृ ऋण ,गुरु ऋण हैं उस ऋण को हम नहीं चुका पाए हैं तो कहीं ना कहीं इस प्रकार के कार्यक्रम समय-समय पर होते रहें जिससे कि हम इन सभी चीजों को व्यवहार में ला सकें और अपने पुरुषार्थ का अपने कर्म,धर्म का पालन कर सकें श्री राकेश जादोन्न ने कहा हमारे सेना के जवानों ने अपने पराक्रम से इस विजय को प्राप्त किया इस युद्ध में सेना के कई जवान घायल हुए और कई वीरगति को प्राप्त हुए सेना के जवानों ने बलिदान देते हुए 1971 युद्ध में पाकिस्तान पर विजय प्राप्त की उन्हीं की याद में यह विजय दिवस मनाया जाता हैआज जेल रोड स्थित कारगिल शहीद सरमन सिंह पार्क मैं शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई एवं सांस्कृतिक देशभक्ति पूर्ण आयोजन आयोजित किये गये।
कार्यक्रम का संचालन विहवल सेंगर ने किया व अंशुमान सेंगर ने वन्देमातरम गीत से कार्यक्रम का समापन किया। जिसमे आर्मी पब्लिक स्कूल और एनसीसी के कैडेट और स्थानीय कलाकारों ने देशभक्ति पूर्ण प्रस्तुतियां दे करके विजय दिवस के आयोजन को और भी रोचक बना दिया इस अवसर पर कर्नल बीके रस्तोगी कर्नल अमित यादव मनीष शर्मा, मनोज त्रिपाठी, कालू तनुजा सुरेंद्र श्रीवास्तव भूतपूर्व सैनिक और स्थानीय नगर वासी बड़ी संख्या में विजय दिवस 1971 युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देने शहीद सरमन सिंह पार्क पर पहुंचे प्रेस को जारी विज्ञप्ति में संस्था के सचिव विहवल सेंगर ने बताया कि 17 दिसंबर को 1971 युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि बतौर गोपाचल पर्वत के नीचे आई लव सेल्फी प्वाइंट ग्वालियर से शहीदों के सम्मान में मैराथन प्रारंभ की जाएगी जिसमें सभी वर्गों के लिए मैराथन महिला एवं बच्चों के लिए मैराथन आदि का आयोजन एवं साथ ही प्रदर्शनी एवं पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम गोपाचल पर्वत के नीचे 17 दिसंबर को किया जाएगा l
मैराथन दौड़ सुबह 7:00 बजे प्रारंभ होकर जिसमें गोपाचल पर्वत सेल्फी प्वाइंट पर 17 दिसंबर को सुबह ही रजिस्ट्रेशन किए जाएंगे दौड़ के बाद पुरस्कार मेडल्स आदि भी विजेताओं को दिए जाएंगे सभी ग्वालियर नगर के प्रबुद्ध जनों से कारगिल शहीद सरमन सिंह खेल एवं शिक्षा प्रसार संस्था यह अपील करती है कि 17 दिसंबर के मैराथन दौड़ के लिए ग्वालियर तैयार रहें युवा तैयार रहें यह दौड़ 1971 के शहीदों की स्मृति में आयोजित की जा रही है
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