शिक्षक भर्ती में अब पात्रता ही काफी नहीं...
शिक्षक बनने के लिए अब संबंधित विषय की चयन परीक्षा भी देनी होगी
भोपाल। उत्तर प्रदेश और राजस्थान की तरह अब मध्य प्रदेश में भी सरकारी शिक्षक बनने के लिए अभ्यर्थियों को दो परीक्षाओं का सामना करना पड़ेगा। राज्य सरकार ने शिक्षक पात्रता परीक्षा आजीवन के लिए वैध करते हुए भर्ती के समय संबंधित विषय में चयन परीक्षा भी करवाने की व्यवस्था लागू कर दी है।
स्कूल शिक्षा विभाग ने इसकी अधिसूचना जारी कर दी है। यानी अब वर्ष 2018 और 2020 की शिक्षक पात्रता परीक्षा उत्तीर्ण अभ्यर्थी 21 से 40 वर्ष की उम्र के बीच कभी भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे। उन्हें संबंधित विषय की चयन परीक्षा भी उत्तीर्ण करनी होगी। वर्ष 2018 और 2020 में चार लाख 53 हजार अभ्यर्थी शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल हुए थे। इनमें से ढाई लाख अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए और 30 हजार ही शिक्षक बन पाए।
शेष अभ्यर्थियों की मांग थी कि पात्रता परीक्षा परिणाम की वैधता अवधि बढ़ाई जाए, ताकि अगली बार शिक्षकों की भर्ती हो, तो उन्हें वरिष्ठता के क्रम में अवसर मिल जाए। यही मांग वर्ष 2011 की शिक्षक पात्रता परीक्षा में शामिल अभ्यर्थी भी करते रहे हैं। अब जाकर राज्य सरकार ने इसे मान लिया है। वर्ष 2018 और 2020 की परीक्षा परिणाम की वैधता अवधि दो बार बढ़ाने के बाद आखिर सरकार ने उम्र सीमा की शर्त के साथ इसे आजीवन के लिए वैध कर दिया है।
स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार चयन परीक्षा सिर्फ विषय का ज्ञान परखने के लिए होगी। उसमें अंक लाने का कोई पैमाना तय नहीं होगा। बस हम इतना देखना चाहते हैं कि जिसे विषय को पढ़ाने की जिम्मेदारी सौंप रहे हैं, वह उसके योग्य है या नहीं।
पात्रता के लिए दोबारा नहीं देनी होगी परीक्षा
नई व्यवस्था से अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के लिए बार-बार पात्रता परीक्षा नहीं देनी होगी। यह निर्णय वर्ष 2018 के बाद संपन्न या फिर आगे होने वाली सभी पात्रता परीक्षाओं पर लागू रहेगा।
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