सभा में 40 जिलों से आए किसानों के 50 नेताओं ने अपनी बात रखी
संविधान दिवस पर किसानों ने राजधानी में किया प्रदर्शन
भोपाल। मध्य प्रदेश के किसान व आदिवासी, खेत मजदूर, भूमि एवं पर्यावरण से जुड़े संगठनों के साझा मंच-संयुक्त मोर्चा ने आज राजधानी भोपाल में प्रदर्शन कर केन्द्र और राज्य सरकारों को अल्टीमेटम दिया। ये प्रदर्शन संयुक्त किसान मोर्चे के देश व्यापी आह्वान पर किया गया था। प्रदेश के वरिष्ठ किसान नेताओं की अध्यक्षता में चार घंटे तक यादगारे शाहजहानी पार्क में चली आमसभा में वक्ताओं ने केंद्र तथा प्रदेश सरकार को किसान, जनता तथा देश हित के विरूद्ध काम करने वाली सरकार बताया। वक्ताओं ने कहा कि 380 दिन के ऐतिहासिक किसान आंदोलन के बाद मोदी सरकार ने जो करार किया था उसमें लिखित में दिए गए वचन से भी वह मुकर गई है। कारपोरेट कंपनियों की लूट से खेती और किसानी में ले जाने के लिए वह नए नए षडयंत्र रच रही है। नया बिजली कानून इसी तरह का एक षड्यंत्र है।
मध्य प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष बादल सरोज के संचालन में हुई सभा में प्रदेश के 40 जिलों से आए किसानों के 50 नेताओं ने अपनी बात रखी। इनमें किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूर्व विधायक डा.सुनीलम, भारतीय किसान यूनियन(टिकैत) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव,मध्यप्रदेश किसान सभा अजय भवन के महासचिव प्रहलाद बैरागी, जागृत किसान संगठन के प्रमुख इरफान जाफरी, मप्र किसान सभा के महासचिव अखिलेश यादव के अलावा अशोक तिवारी, रामनारायण कुररिया इत्यादि नेता शामिल थे। प्रदर्शन के बाद करीब 2 घंटे तक प्रदर्शनकारियों को नीलम पार्क के सामने पुलिस ने रोककर रखा। बाद में एक पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राजभवन पर जाकर ज्ञापन दिया।
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