कलेक्टर समेत तीन आईएएस अफसरों और 15 को नोटिस जारी...
श्री महाकाल लोक घोटाला मामले की जांच तेज
श्री महाकाल लोक निर्माण में भ्रष्टाचार के मामले की लोकायुक्त ने जांच तेज कर दी है। लोकायुक्त की तरफ से जारी नोटिस का जवाब देने शुक्रवार को दो आईएएस समेत पांच अधिकारी पहुंचे। उन्होंने लोकायुक्त से जवाब देने के लिए 15 दिन का समय मांगा। हालांकि उज्जैन कलेक्टर छुट्टी के कारण पेश नहीं हुए। बता दें मध्यप्रदेश लोकायुक्त संगठन ने प्राथमिक जांच में आरोप सही पाए जाने के बाद उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह समेत तीन आईएएस अफसरों और 15 को नोटिस जारी किया था।
लोकायुक्त संगठन को कांग्रेस विधायक महेश परमार ने शिकायत की थी। इसमें आरोप है कि अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करके ठेकेदार को आर्थिक लाभ पहुंचाया है। इस मामले में लोकायुक्त ने अधिकारियों को नोटिस जारी कर 28 अक्टूबर तक जवाब देने को कहा था। इन पर महाकाल लोक के प्रथम फेज के निर्माण में निम्न गुणवत्ता की पार्किंग का निर्माण करने और ठेकेदार के गलत को बिना जांच के पास करने, लोहे की जीआई शीट के आइटम को पॉलीकार्बोनेट शीट में बदलकर एक करोड़ का फायदा पहुंचाने, चहेतों को उपकृत करने के आरोप लगे है।
लोकायुक्त संगठन ने उज्जैन कलेक्टर और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष आशीष सिंह, उज्जैन समार्ट सिटी के तत्कालीन सीईओ क्षितिज सिंह और तत्कालीन आयुक्त अंशुल गुप्ता को नोटिस भेजा। इसके अलावा उज्जैन स्मार्ट के निदेशक सोजन सिंह रावत, दीपक रत्नावत, स्वतंत्र निदेशक श्रीनिवास नरसिम्हा राव पांडुरंगी, मुख्य परिचालन अधिकारी आशीष पाठक, तत्कालीन मुख्य परिचालन अधिकारी जितेंद्र सिंह चौहान शामिल है। इसके अलावा अन्य अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया था।
बता दें श्री महाकाल लोक का निर्माण दो चरणों में किया जा रहा है। इस पर दोनों चरणों में 856 करोड़ रुपए खर्च का बजट है। इसमें प्रथम चरण में 316 करोड़ से प्रथम चरण का काम पूरा हो गया है। जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस प्रोजेक्ट का निर्माण उज्जैन स्मार्ट सिटी कर रही है। इसका उद्देश्य महाकालेश्वर मंदिर के आसपास के इलाके का विकास और ऐतिहासिक चीजों को संरक्षित करना है।
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