वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट

इस साल करीब 16 लाख श्रद्धालुओं ने किया बाबा केदार का र्दशन…

वैदिक मंत्रोच्चार के साथ बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट

आज केदारनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गए। कपाट बंद होने की पूर्व संध्या पर हजारों की संख्या में भक्त बाबा केदार के दर्शन करने पहुंचे थे। कपाट बंद होने की प्रक्रिया में बुधवार को भगवान केदार की पंचमुखी डोली को विधी-विधान से पूजा-अर्चना के बाद मंदिर परिसर में लाया गया था। परिक्रमा के बाद डोली को मंदिर के अंदर प्रतिष्ठित कर दिया गया। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समित के अध्यक्ष अजेंद्र अजय सपरिवार श्री केदारनाथ धाम पहुंचे और पंचमुखी डोली की पूजा-अर्चना में शामिल हुए। 

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर कपाट बंद होने की जानकारी देते हुए लिखा है, "आज श्री केदारनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चार एवं पौराणिक विधि-विधान के साथ शीतकाल हेतु बंद हो गए हैं। इस वर्ष कपाट खुलने के उपरांत लगभग 16 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए।'' इससे पहले विधि-विधान से पूजा के बाद बुधवार, 26 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 01 मिनट पर श्री गंगोत्री धाम के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इस दौरान हजारों की संख्या में वहां भक्त मौजदू रहे। 

मां गंगा की उत्सव डोली जयकारों के साथ मुखबा गांव के लिए रवाना हुई। आज भैया दूज पर मां गंगा की उत्सव डोली उनके मायके मुखबा (मुखीमठ) पहुंची है। यमुनोत्री धाम के कपाट भी 27 अक्टूबर को यानी आज ही के दिन अभिजीत मुहूर्त में दोपहर को बंद कर दिए जाएंगे। सबसे आखिर में 19 नवंबर को दोपहर 3 बजकर 35 मिनट श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होंगे। द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट शुक्रवार 18 नवंबर और तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट 7 नवंबर को बंद होंगे।

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