निलंबित कर्मचारी विष्णु पाल को कर दिया बहाल ...
निगमायुक्त की सरपरस्ती में घोटालेबाजों को खुल्ला संरक्षण !
ग्वालियर। नगर निगम में मोटी रकम लेकर बेरोजगार युवाओं को ठेके (आउटसोर्स) पर रखे जाने के घोटाले में निगमायुक्त किशोर कान्याल की कार्यप्रणाली पर अब प्रश्न उठने लगी है और ये होना भी लाजमी भी लगता है l क्योंकि घोटाला उजागर होने के बाद उन्होंने पीएचई के सहायक यंत्री विष्णु पाल और बाबू विशाल जाटव को सस्पेंड कर जांच समिति गठित कर दी थी। इसकी जांच के लिए महापौर डॉ. शोभा सिकरवार ने भी एक उच्च स्तरीय जांच समिति गठित की थी।
दोनों समितियां अभी जांच कर रही हैं कि इसी बीच निगमायुक्त कान्याल के निर्देश पर अपर आयुक्त मुकुल गुप्ता ने विष्णु पाल को बहाल कर दिया है। गंभीर मामला इसलिए भी है कि इस मामले में दूसरे निलंबित कर्मचारी विशाल को बहाल नहीं किया है और न ही अपर आयुक्त अतेन्द्र सिंह गुर्जर, मुकुल गुप्ता, उपायुक्त प्रदीप श्रीवास्तव, अधीक्षक मनोहर द्विवेदी के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है, जबकि प्रारंभिक जांच में यह अधिकारी भी इस घोटाले के घेरे में हैं।
निगम और सरकार की साख को बट्टा लगाने वाले इस आउटसोर्स कर्मचारी भर्ती घोटाले में हर रोज नये-नये खुलासे हो रहे हैं, किंतु नगर निगम के मुखिया आयुक्त किशोर कान्याल घोटालेबाजों के खिलाफ बरती जा रही नरमी से तो ऐसा लग रहा है कि घोटालेबाजों को सरक्षण दिया रहा है l
नगर निगम अधिकारियों की मनमानी नहीं चलने देंगे। जब जांच चल रही है फिर बहाल क्यों किया गया। इससे आउटसोर्स घोटाले से निगम के अधिकारी बेनकाब हुए हैं।
-डॉ. शोभा सिकरवार, महापौर
(नगर निगम ग्वालियर)
आउट सोर्स भर्ती घोटाले में सीधे तौर पर नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल भी मिले हुए हैं। इसलिए इस मामले की सीबीआई अथवा एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग को लेकर हम मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे।
-विष्णु दत्त शर्मा प्रदेश महामंत्री
(स्वयंसेवक अधिकारी कर्मचारी संघ)
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