कायदे-कानून सिर्फ छोटे नेताओं के लिए हैं : धनौरा
भाजपा के सीनियर नेताओं के विरोध में खुलकर सामने आये धनौरा
प्रदेश भाजपा इन दिनों आंतरिक कलह झेल रही है। हाल ही में सुरखी विधायक और शिवराज सिंह सरकार में मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी को लेकर पार्टी ने अपने एक नेता राजकुमार सिंह धनौरा को निष्साकित कर दिया है। मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने धनौरा को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया है। पार्टी से निकाले जाने के बाद अब धनौरा खुलकर भाजपा के सीनियर नेताओं के विरोध में आ गए हैं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में धनौरा ने पूछा कि क्या अनुशासन और अन्य कायदे-कानून सिर्फ छोटे नेताओं के लिए हैं।
जब कैलाश विजयवर्गीय कहते हैं कि मध्य प्रदेश सरकार को अफसर चला रहे हैं और जब पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब पर बैन की मांग के दौरान शिवराज सरकार पर बयान देती हैं तो पार्टी उनपर क्यों नहीं अनुशासनहीनता के तहत कार्रवाई करती है...क्या यह सही है कि सिर्फ छोटे नेताओं पर ही कार्रवाई हो? राज्य नेतृत्व को इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें सिर्फ इसलिए पार्टी से निकाला गया क्योंकि वो अपना काम कर रहे थे।
पार्टी से निकाले जाने के बाद अपना दर्द बयां करते हुए राजकुमार सिंह धनौरा के आंखों से आंसू छलक आए। 6 साल के लिए निष्कासित किये पर धनोरा गुस्से में नजर आए। उन्होंने कहा कि अगर मैंने कोई गलती है कि तो मैंने इसके लिए माफी भी मांगी। मैंने 30 साल पार्टी के साथ वफादारी से काम किया और उन्होंने मुझे कीड़े की तरह निकाल कर बाहर फेंक दिया।
राजकुमार सिंध धनौरा सागर में बीजेपी किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष थे। धनौरा ने सुरखी विधानसभा क्षेत्र में विधानसभा चुनाव में स्थानीय प्रत्याशी की मांग को लेकर मोर्चा खोला था, जिसे सीधे राजस्व मंत्री और ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी गोविंद राजपूत के खिलाफ माना जा रहा था। धनौरा बीजेपी के कद्दावर मंत्री भूपेन्द्र सिंह के रिश्तेदार हैं, जबकि गोविंद सिंह राजपूत उन 22 विधायकों में शामिल हैं जो कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे।
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