शराब दुकान की दुकान के सामने कुर्सी डालकर बैठी उमा भारती


मुझ पर शराब माफिया का हमला होगा : उमा भारती

शराब दुकान की दुकान के सामने कुर्सी डालकर बैठी उमा भारती

भोपाल l मध्यप्रदेश में शराबबंदी की मांग कर रहीं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने अपने ऊपर हमले की आशंका जताई है। वे सोमवार देर शाम भोपाल के अयोध्या बाईपास स्थित शराब दुकान पर पहुंचीं और दुकान के सामने लगे पर्दे (नेट) हटवा दिए। इसके बाद वहां कुछ देर तक कुर्सी डालकर बैठी रहीं। स्थानीय लोग खासकर महिलाएं भी जुट गईं। प्रदर्शन के दौरान उन्होंने प्रशासन को घेरा। बता दें कि उमा भारती के निशाने पर इन दिनों शराब दुकानें और अहाते बने हुए हैं। उमा ने कहा, शराब दुकानों में अहाते की कानूनी तौर पर अनुमति नहीं है, लेकिन स्थानीय प्रशासन की सहमति से अहाते खोल लिए जाते हैं। इसमें भारी भ्रष्टाचार होता है और हफ्ता वसूली से सबकी जेबें गरम होतीं हैं। इसलिए सब अपना कर्म भूल जाते हैं।

उन्होंने कहा, तिलकधारी, जनेऊधारी और तलवारधारी अपने आप को भगवान का सेवक मानने वाले लोग अहाते आसानी से चलने देते हैं। मैं 7 नवंबर से अपना अभियान शुरू करने वाली थी, लेकिन अब लगता है कि यहीं पर टिक्कड़ (रोटियां) सिकेंगे। बता दें, उमा भारती ने 7 नवंबर से प्रदेश में शराब बंदी लागू होने तक घर छोड़कर शराब दुकान के सामने टेंट लगाकर रहने का एलान किया है। उन्होंने कहा, दुर्गा जी और हनुमान जी के मंदिर के सामने शराब की दुकान और अहाता है। ये दुकान गैरकानूनी है। मैं 11 से 16 के बीच में यहां आना चाहती थी, लेकिन उज्जैन में प्रधानमंत्री और भोपाल में अमित शाह के कार्यक्रम थे। मैं नहीं चाहती थी कि उनके मध्यप्रदेश दौरे के समय कुछ करूं। मैं बीजेपी की कार्यकर्ता हूं, शिवराज जी की छोटी बहन हूं।

उमा ने कहा, मैं उन्हें लज्जित होते हुए नहीं देख सकती। लेकिन जो हो रहा है, उसे देख नहीं पा रही हूं। ये दुकान मुझे छह महीने से अखर रही थी, ये दुकानदार कोर्ट से स्टे लेकर आ गए। मुझ पर शराब माफिया का हमला होगा। मुझ पर जाति और धर्म के भेद का आरोप लगाया जाएगा। शराब की दुकानें चलाने वाले लोगों को ताकत सत्ता से प्राप्त हुई है। मेरा इतना ही कहना है कि सत्ता से मिली ताकत सरकार वापस ले ले। मैं पांच महीने का इंतजार कैसे करूं। उमा भारती ने कहा, अयोध्या बाईपास की जिस दुकान के सामने मैं पहुंची, वहां 40 साल पुराने हनुमान जी और दुर्गा जी के मंदिर बने हैं। मैं छह महीने से सरकार से इस दुकान को बंद कराने की बात कर रही हूं। सितंबर में दुकान बंद हुई और तीन दिन में ही वह कोर्ट का स्टे लेकर आ गया। इससे मुझे बहुत तकलीफ थी। मैं 7 नवंबर का इंतजार नहीं कर सकती थी। मैं यहां आई तो पता चला कि पूरे मप्र में किसी अहाते की अनुमति नहीं हैं। ऐसे स्थान पर जहां सामने मंदिर बने हैं, वहीं शराब पिलाई जा रही है। कम से कम इन्हें तो बंद कर दिया जाए।

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