137 साल के इतिहास में छठी बार कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव

 

वोटिंग आज में खड़गे और थरूर के बीच मुकाबला...

137 साल के इतिहास में छठी बार कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव


कांग्रेस के नेताओं मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर के बीच सोमवार को पार्टी अध्यक्ष पद का चुनावी मुकाबला होगा. दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में और देशभर में 65 से अधिक केंद्रों पर मतदान होगा. कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

कांग्रेस में 24 साल बाद नेहरू-गांधी परिवार के बाहर से कोई अध्यक्ष बनेगा. प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) के 9,000 से अधिक प्रतिनिधि गुप्त मतदान के जरिए पार्टी के नये अध्यक्ष का चुनाव करेंगे. दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय में और देशभर में 65 से अधिक केंद्रों पर मतदान होगा. कांग्रेस के 137 साल के इतिहास में छठी बार अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है. परिणाम 19 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा एआईसीसी मुख्यालय में मतदान कर सकती हैं, वहीं राहुल गांधी कर्नाटक में बेल्लारी के संगनाकल्लू में भारत जोड़ो यात्रा के शिविर स्थल पर मतदान में भाग लेंगे. उनके साथ पीसीसी के करीब 40 प्रतिनिधि भी मतदान करेंगे, जो यात्रा में शामिल हैं.

गांधी परिवार के करीबी होने और कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थन के कारण खड़गे को पार्टी अध्यक्ष पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. हालांकि, थरूर भी खुद को पार्टी में बदलाव के लिए मजबूत प्रत्याशी के रूप में पेश कर रहे हैं. थरूर ने चुनाव प्रचार के दौरान असमान अवसरों के मुद्दे उठाये, लेकिन खड़गे और पार्टी के साथ उन्होंने यह भी माना है कि गांधी परिवार के सदस्य तटस्थ हैं और कोई ‘आधिकारिक उम्मीदवार' नहीं है.

चुनाव की अहमियत के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने रविवार को भाषा से ‘कहा कि वह हमेशा से ऐसे पदों के लिए आम-सहमति बनाने के कांग्रेस के मॉडल पर भरोसा करते रहे हैं. उन्होंने कहा कि जवाहर लाल नेहरू के बाद के कालखंड में इस मॉडल पर सबसे ज्यादा भरोसा के. कामराज करते थे.

जयराम रमेश ने कहा कि सोमवार को चुनाव है और यह विश्वास और भी मजबूत हुआ है. मैं इस बात से बिल्कुल सहमत नहीं हूं कि सांगठनिक चुनाव वास्तव में किसी भी प्रकार से संगठन को मजबूती प्रदान करते हैं. वे निजी हित साध सकते हैं लेकिन सामूहिक भावना के निर्माण में उनका महत्व संदेहास्पद है. उन्होंने यह भी कहा कि इसके बावजूद यह बात भी इतनी ही दीगर है कि चुनाव होना भी महत्वपूर्ण है.रमेश ने कहा, ‘लेकिन मैं चुनाव को ऐतिहासिक भारत जोड़ो यात्रा की तुलना में कम संस्थागत महत्व का मानता हूं. यह यात्रा कांग्रेस के लिए और भारतीय राजनीति के लिए भी क्रांतिकारी पहल है.'

अध्यक्ष पद के चुनाव अभियान में अंतर साफ दिखाई दिया है. खड़गे के प्रचार में जहां पार्टी के कई वरिष्ठ नेता, प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के अध्यक्ष और शीर्ष नेता राज्य मुख्यालयों में उनकी अगवानी करते देखे गए हैं, वहीं थरूर के स्वागत में अधिकतर प्रदेश कांग्रेस समितियों के युवा प्रतिनिधियों को ही देखा गया. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षों की इस दौरान गैर-मौजूदगी ही रही. थरूर अपने अभियान के दौरान इस बात को रेखांकित करते रहे हैं कि वह बदलाव के प्रत्याशी हैं, जबकि खड़गे परंपरावादी उम्मीदवार हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि पार्टी में युवा और निचले स्तर के नेता उनका समर्थन कर रहे हैं, वहीं वरिष्ठ नेता उनके प्रतिद्वंद्वी खड़गे के साथ नजर आ रहे हैं.

कुछ समय पहले तक कांग्रेस अध्यक्ष पद के सबसे बड़े दावेदार बताए जा रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रस्तावक हैं और उन्होंने हाल में ही खड़गे के पक्ष में वोट करने की अपील भी की थी. गांधी परिवार के लगभग सभी करीबी नेताओं के उनके पक्ष में उतरने से राजस्थान में भी खड़गे के समर्थन में एकतरफा मतदान होने के संभावना जताई जा रही है. हालांकि, मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर दोनों ही नेता अपना चुनाव प्रचार करने के लिए व्यक्तिगत रूप से राजस्थान नहीं आए हैं.

खड़गे ने भी अपने अभियान में अपने अनुभव साझा किए हैं, जो पिछले कुछ दशकों में संगठन का काम करते हुए उनके सामने आए. दोनों ही नेताओं ने इस बात पर जोर दिया है कि गांधी परिवार के सदस्यों का पार्टी में विशेष स्थान है. खड़गे ने कहा कि वह उनका मार्गदर्शन और सुझाव लेंगे. वहीं थरूर ने कहा कि कांग्रेस का कोई अध्यक्ष गांधी परिवार से दूरी बनाकर काम नहीं कर सकता, क्योंकि पार्टी के खून में उनका डीएनए है.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए पिछली बार चुनाव 2000 में हुआ था, जब जितेंद्र प्रसाद को सोनिया गांधी के हाथों जबरदस्त हार का सामना करना पड़ा था. सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस बार अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर रहने का फैसला किया है, जिससे 24 साल के अंतराल के बाद गांधी परिवार के बाहर का सदस्य इस जिम्मेदारी को संभालेगा.

कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव गुप्त मतदान के जरिए होगा और किसी को पता नहीं चलेगा कि किसने किसे वोट डाला. उन्होंने कहा कि दोनों उम्मीदवारों के लिए समान अवसर मुहैया कराए गए हैं. पार्टी अध्यक्ष के पद के लिये मतदान सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक होगा.

कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव पर देश भर के लोगों के साथ-साथ सत्ताधारी दल भाजपा सहित सभी राजनीतिक दलों की नजर है. सभी देखना चाहते हैं कि चुनाव कैसे संपन्न होता है और कौन नया कांग्रेस अध्यक्ष चुना जाता है. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में भी इसे लेकर उत्साह नजर आ रहा है.


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