करवा चौथ पर बन रहे हैं 5 विशेष शुभ योग...
दुर्लभ संयोग में की गई पूजा देती है कई गुना ज्यादा फल
13 अक्टूबर, गुरुवार को सुहागिनें पूरा दिन निर्जला रहकर करवा चौथ का कठिन व्रत रखेंगी. करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले सास द्वारा दी गई सरगी खाकर शुरू किया गया व्रत रात को चंद्रमा को अर्ध्य देने के बाद पति के हाथ पानी पीकर खोला जाता है. इस दिन भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की पूजा की जाती है. इस साल करवा चौथ व्रत पर बेहद शुभ संयोग बन रहा है. जिससे इस दिन किए गए व्रत और शुभ मुहूर्त में की गई पूजा का विशेष शुभ फल मिलेगा l
रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा की पूजा करना बेहद शुभ फलदऐायी माना जाता है. इस साल करवाचौथ के दिन शाम के समय रोहिणी नक्षत्र रहेगा. रोहिणी नक्षत्र 6 बजकर 41 मिनट से शुरू होगा. ऐसे में इस समय में पूजा करना सर्वश्रेष्ठ रहेगा. वहीं चंद्रमा देव के उदय का समय यानी कि करवा चौथ का चंद्रोदय रात 8 बजकर 16 मिनट रहेगा. हालांकि देश के कुछ शहरों में करवा चौथ के दिन आसमान में बादल छाए रह सकते हैं, इस कारण चांद देखने के लिए व्रती महिलाओं को इंतजार भी करना पड़ सकता है l
इस साल करवा चौथ पर सर्वार्थ सिद्धी योग बन रहा है. करवा चौथ व्रत के दिन की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग से हो रही है. इसके अलावा 13 अक्टूबर को शुक्र और बुध के एक ही राशि कन्या में रहने से लक्ष्मी नारायण योग बनेगा. वहीं बुध और सूर्य भी एक ही राशि में रहकर बुधादित्य योग बनाएंगे. शनि स्वराशि मकर और गुरु स्वराशि मीन में रहेंगे. साथ ही चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में रहेंगे. कुल मिलाकर ये सभी ग्रह मिलकर बेहद शुभ स्थितियां बना रहे हैं. लिहाजा ऐसी शुभ स्थिति में की गई पूजा-पाठ पति-पत्नी के लिए सौभाग्य लाएगी l
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