11 महीनों का सफर 832 पहियों की गाड़ी, मंजिल फिर भी दूर !

नवंबर 2021 में शुरू हुआ था सफर...

11 महीनों का सफर 832 पहियों की गाड़ी, मंजिल फिर भी दूर !

भारी सामानों को ढोने वाले बड़े ट्रेलरों को आपने जरूर देखा होगा। इनका इस्तेमाल लंबी दूरी की यात्रा में भारी-भरकम सामानों को एक जगह से दूसरे जगह ले जाने के लिए किया जाता है। आमतौर सभी ट्रेलरों को सफर करने में कई दिनों का वक्त लगता है। लेकिन इन दिनों एक ट्रेलर अपने कछुए की चाल की वजह से खबरों में है। गुजरात के मुद्रा पोर्ट से रवाना हुए इस गाड़ी को पचपदरा रिफाइनरी तक दो रिएक्टरों को लेकर जाना है लेकिन अपनी यात्रा के 11 महीने बाद भी ये रिएक्टर अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सके हैं। 

इन ट्रेलरों की चाल बेहद कम है और ये एक दिन में सिर्फ 15-20 किलोमीटर ही चल पाते हैं। कई बार ये एक दिन में बस 5 किलोमीटर की दूरी ही तय करते हैं। जानकारों का मानना है कि इनको मंजिल तक पहुंचने में 1 महीने का समय और लगेगा। अगर इसकी औसत चाल देखी जाए तो इससे तेज आदमी पैदल चल सकता है लेकिन दिलचस्प बात ये है कि इन पर लोड किए गए रिएक्टर बेहद भारी भरकम है। जिनमें से एक का वजन 1148 मीट्रिक टन है। जबकि इसके साथ ही सफर कर रहे दूसरे ट्रेलर का वजन 760 मीट्रिक टन है। 

आप सुनकर दंग रह जाएंगे मगर नर्मदा नदी पार कराने के लिए इन ट्रेलरों पर 4 करोड़ रुपये का बजट आया था। आपको जानकर हैरानी होगी कि इन ट्रेलरों के साथ 25 कर्मचारियों की एक टीम हमेशा साथ चलती है। ट्रेलर ऑपरेटर, हेल्पर और टेक्नीशियन जैसे कई लोग इस टीम में शामिल हैं। इसके लिए कई जगहों पर अस्थाई सड़के भी बनाई गईं हैं। बड़े ट्रेलर में कुल 448 टायर हैं जबकि दूसरे ट्रेलर में 384 टायर लगे हुए हैं। इन्हें आगे की ओर खींचने के लिए वोल्वो ट्रकों का सहारा लिया जा रहा है। इन ट्रकों के रास्ते में आने वाली रूकावटों को हेल्पर और टेक्नीशियन की टीम दूर करते चलती है। 

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