उइगर मुस्लिमों को लेकर भारत चीन के साथ !

यूरोपीय संघ सब ताकते रह गए...

उइगर मुस्लिमों को लेकर भारत चीन के साथ !

UNSC में भारत, वह भी 'उइगर मुस्लिमों' को लेकर चीन का साथ दिया ? अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, कनाडा ओर यूरोपीय संघ सब ताकते रह गए ? यह सभी देश अभी तक सदमे में है की भारत क्या खेल खेल गया। महज़ 2 वोट के चलते चीन फजीहत होने से बच गया। और चीन को भी सोचने पे मजबूर कर दिया है कि भारत उसे क्या मैसेज देना चाहता है। एका एक- USA, ब्रिटेन ओर जर्मनी द्वारा भारत के खिलाफ जा के पाकिस्तान के साथ मिलकर कश्मीर का मुद्दा उठाना व भारत को दबाव लाना, यही मकसद था इन देशों का ! 

सूत्रों के अनुसार भारतवर्ष ने ये कूटनीतिक चाल चलकर, गोरों को हैरानी में डाल दिया है और सोचने पे मजबूर कर दिया है कि भारत आगे क्या सोच रहा है ? इसके फौरन बाद चीनी राजदूत द्वारा भारत की सराहना करना, ओर अमेरिकी फॉरेन सेक्रेटरी द्वारा यह बयान दिया जाना की, भारत ओर अमेरिका के बीच अच्छे ओर मजबूत दोस्ताना रिश्ते के बीच। कोई नहीं आ सकता शायद भारत की कूटनीतिक बाण सही जगह पर लगी है। यदि तुम पाकिस्तान-पाकिस्तान का खेल, खेल सकते हैं तो भारत भी चाइना-चाइना का खेल, खेल सकता है, इसमें कोई दो राय नहीं है। खासकर जर्मनी ओर अमेरिका अब बहुत ज्यादा कश्मीर मुद्दे पर दिलचस्प दिखा रहे हैं। 

जर्मनी में मुद्रास्फीति, ऊर्जा संकट और खराब अर्थव्यवस्था के कारण जर्मनी अब रो रहा है ! और बह स्पष्ट रूप से जान चुका है कि भारत बहुत जल्द ही उसकी अर्थव्यवस्था को पार कर जाएगा। अगर सब कुछ मौजूदा गति से चलता रहा तो भारत 3,4 साल के भीतर जर्मनी को पार कर जाएगा, और इसलिए वह वैश्विक कूटनीति में भारत को निशाना बना रहा है। जर्मनी, अमेरिका यह नहीं समझ रहे हैं कि कश्मीर मुद्दा उनके टूलकिट बास्केट से निकल चुका है।  दुनिया को अब ये समझना चाहिए था की तुम्हारे मूढ़ता के दबाव के कारण, भारत आपके साथ गठबंधन नहीं कर सकता। वह समय बीत चुका है, और 5 साल बाद आप ऐसा करने की स्थिति में भी नहीं रहेंगे। 

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