रिकॉर्ड तोड़ बारिश का दौर जारी…
प्रदेश के 27 जिलों बाढ़-बारिश से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित
मध्यप्रदेश में आंधी के साथ रिकॉर्ड तोड़ बारिश का दौर पिछले 36 घंटे से जारी है। 27 जिलों में जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। प्रदेश के कई जिलों में बारिश आसमानी आफत बनकर गिर रही है। भारी बारिश के चलते प्रदेश के कई जिलों से संपर्क टूट गया है। बेतवा नदी का जलस्तर तेज़ी से बढ़ रहा है, जिससे विदिशा के 70 गांवों को सुरक्षित स्थान पर शिफ़्ट करने का कार्य चल रहा है। भोपाल शहर में इंडस कॉलोनी, शिवनगर आदि स्थानों से जल प्लावन की स्थिति होने से नागरिकों को शिफ़्ट किया गया है। भोपाल ज़िला प्रशासन के लिए 3 एनडीआरएफ और 4 एसडीआरएफ की टीम तैनात की गई हैं। दो एयरफोर्स के हेलिकॉप्टर विदिशा के लिए किए गए हैं। प्रदेश में 8 एनडीआरएफ टीम तैनात हैं। विदिशा में 3 टीम के अलावा 2 ग्वालियर में, 1 सीहोर में, 1 नर्मदापुरम में और 1 जबलपुर में तैनात की गई है।
नर्मदा का जल स्तर बीते 24 घंटों में 945 फीट से 964 फीट पहुंच गया है और आज देर रात डेंजर लेवल 967 फ़ीट से ऊपर जाने का ख़तरा है। नर्मदा और बेतवा से लगे जिलों में जिला प्रशासन को हाई अलर्ट किया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ACS गृह शाम से ही ज़िलों की बाड़े की स्तिथि की समीक्षा कर रहे हैं। इधर केरवा के 8 के 8, कलियासोत के 13 के 13, सगड 12 में से 10, राजघाट के 18 में से 16 गेट खोले गए हैं। इन सबका पानी बेतवा नदी में जलस्तर बढ़ा रहा है। नर्मदा बेसिन के बरगी डैम के 21 में से 17, बरना डैम के 8 में से 6, तवा डैम के 13 के 13 गेट खुले हैं।
नर्मदा बेसिन के ही इंदिरासागर बांध के 20 में से 12 और ओंकारेश्वर डैम के 23 में से 18 गेट खुले हैं। छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में लगातार हो रही बारिश से दोनों राज्यों को जोड़ने वाले रास्ते बंद हो गए हैं। भारी बारिश के चलते गौरेला-पेंड्रा-मरवाही से करीब 15 किमी आगे मध्यप्रदेश के अनूपपुर में लैंडस्लाइड होने से सड़क क्षतिग्रस्त हो गई जिसके चलते 15 से 20 ट्रक फंस गए हैं। वहीं, राजेंद्रग्राम-अमरकंटक को जोड़ने वाले किरर मार्ग पर रिटेनिंग वॉल सहित सड़क बहने का मामला सामने आया है। यहां जिला प्रशासन ने अगले आदेश तक आवागमन पर प्रतिबंध लगा दिया है।राजधानी भोपाल में बारिश का सबसे ज्यादा कहर देखने को मिला।
भोपाल में बीते 36 घंटों से बारिश जारी है। बारिश की स्थिति को देखते हुए सोमवार को भोपाल, सीहोर, शाजापुर, जबलपुर जिले के सभी स्कूलों में छुट्टी घोषित की गई है। बीते 24 घंटे में भोपाल में 109.5 मिमी बारिश दर्ज की गई। जिले में कई जगह पर तेज बारिश और हवाओं के चलते पेड़ धराशायी हो गए, जिससे बिजली के तार टूट गए और विद्युत सप्लाई बाधित हो गई है। भोपाल के कई हिस्सों ंमें देर रात से बिजली गुल है। करीब 200 कॉलोनियों में पानी भर गया है। भारी बारिश के चलते राजा भोज ताला में आधा क्रूज डूब गया।जबलपुर में शनिवार सुबह से जारी बारिश के चलते कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। वहीं नर्मदा के तट पर बसे इलाकों में पानी घर गया है। भारी बारिश के चलते बरगी डैम के 17 गेट खोले गए हैं।
बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के चलते ग्वारीघाट, तिलवारा घाट और भेड़ाघाट का जलस्तर बढ़ गया है। ग्वारीघाट में बना नर्मदा मंदिर पानी में पूरा डूब गया है। ग्वारीघाट का प्रवेश द्वारा शिखर तक पानी में डूबा है। घाट के पास बनी दुकानें डूब गई हैं। पनागर तहसील के लमती ग्राम में एक झोपड़ी बुरी तरह से पानी में डूब गई, जिसके बाद जिला प्रशासन की टीम ने किसी तरह से लोगों को बचाया। निचले क्षेत्रों में बचाव एवं राहत दल को तैनात किया गया है ताकि अप्रिय घटनाओं को समय पर रोका जा सके। वहीं, बारिश को देखते हुए कलेक्ट्रेट कंट्रोल रूम द्वारा जनहित में हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। कलेक्टर ने लोगों से क्षेत्र में पानी निकासी न होने पर संपर्क करने की अपील की है।
शिवपुरी जिले में भी भारी बारिश के चलते जनजीवन प्रभावित हो रहा है। जिले के बदरवास में सिंध नदी उफान पर है, जिससे कई गांवों से संपर्क टूट गया है। बदरवास से खतौरा जाने वाले मार्ग पर सड़गांव के पास सिंध नदी का पुल पानी में डूब जाने से यहां रास्ता बंद हो गया। खतौरा जाने वाला सीधा रास्ता भी बंद हो गया, वहीं कोलारस के कई क्षेत्रों में सिंध नदी का पानी घुस गया है। ओंकारेश्वर बांध के 18 गेट खोले गए हैं। शाजापुर जिले में बीते दो दिनों से लगातार बारिश जारी है। हर तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है। भारी बारिश के चलते जिले के नदी नाले उफान पर हैं और कई रास्तों पर पुल पुलिया के ऊपर से पानी बह रहा है, जिससे आवागमन व्यवस्था ठप्प हो गई है।
प्रशासन ने लोगों से पुल-पुलिया पार न करने की अपील की है, लेकिन लोग जान जोखिम में डालकर पुल पुलिया पार कर रहे हैं। भारी बारिश को देखते हुए स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। वहीं जिले के लखुंदर, कालीसिंध, चीलर, नेवज समेत अन्य नदी नालों में जलस्तर तेजी से बढ़ा है।उमरिया जिले की जोहिला नदी उफान पर है। बिरसिंहपुर पाली के अंतर्गत जोहिला नदी पर बने रपटे के ऊपर से पानी बह रहा है। जोहिला नदी पर बना ये रपटा दो विधानसभाओं को जोड़ता है। रपटे के जलमग्न होने के चलते दो विधानसभा क्षेत्र के कई गांवों से संपर्क टूट गया है। ओवरफ्लो के कारण लोगों को आने जाने में काफी परेशानी हो रहा है। रपटे के जलमग्न होने से आवागमन फिलहाल पूरी तरह से बंद हो चुका है।
मंडला जिले के कोतवाली थाना अंतर्गत ग्राम लिंगा में नर्मदा नदी में बाढ़ के दौरान टापू में तीन लोग फंस गए। जिन्हें राहत और बचाव दल ने सुरक्षित निकाला।प्रदेश के कई जिलों में बीते 24 घंटों में दर्ज किए गए वर्षा के आंकड़े- भोपाल 190.5, गुना 174.9, सागर 173.8, रायसेन 162.0, जबलपुर 160.0, पचमढ़ी 148.0, भोपाल सिटी 140.2, नरसिंहपुर 117.0, दमोह 104.0, नर्मदापुरम 100.4, खजुराहो 75.0, सिवनी 40.6, उमरिया 32.8, सतना 31.6, मंडला 31.4, रीवा 28.4, बैतूल 25.0, छिंदवाड़ा 25.0, सीधी 21.8, उज्जैन 21.6, नौगांव 12.2, मलाजखंड 11.2, इंदौर 8.6, ग्वालियर 6.7, रतलाम 4.0, खंडवा 1.9, धार 0.3, शिवपुरी 29.0, दतिया 11.0 नर्मदापुरम में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है।
नर्मदा डेंजर पॉइंट से ऊपर बह रही है। जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर जाने के बाद जिला प्रशासन ने सायरन बजा कर किया अलर्ट जारी किया है। निचली बस्तियों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया गया है। सोमवार शाम पांच बजे सेठानी घाट पर जल स्तर 964.80 फीट बताय गया। लगातार बारिश से विदिशा जिले में बाढ़ से के हालात बन रहे हैं। बिगड़े हालात देखकर जिला प्रशासन ने वायुसेना की मदद मांगी है। प्रशासन की ओर से बताया गया कि हेलीकॉप्टर से गंजबासौदा और कागपुर से लोगों का रेस्क्यू किया जा सकेगा।
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