हजारों की संख्या में स्कूली बच्चों ने लिया वृक्षों की सुरक्षा का प्रण…
बाल पर्यावरण संसद में 2000 बच्चों ने रौपे पौधे
ग्वालियर। ग्वालियर में बाल पर्यावरण संसद के दो हजार से ज्यादा नौनिहालों ने प्रकृति पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। हजारों की संख्या में स्कूली बच्चों ने जंगलों पहाड़ों और मैदानी इलाकों में लगे वृक्षों की सुरक्षा का प्रण लिया, इसके साथ ही बच्चों ने भू माफिया द्वारा काटी गई पहाड़ी पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराया और मानव श्रंखला बनाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। नगर निगम ग्वालियर के सहयोग से ग्वालियर के बहोड़ापुर क्षेत्र में शिवनगर के पास की पहाड़ी पर बाल पर्यावरण संसद का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, एसएसपी अमित संाघी, नगर निगम आयुक्त किशोर कन्याल एवं अपर परिवहन आयुक्त अरविंद सक्सेना सहित बडी संख्या में पदाधिकारी एवं सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ता व स्कूली बच्चे उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान करीब 2000 बच्चों के हाथ में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा था और वे पहाड़ी की रक्षा का संकल्प लेते हुए नजर आ रहे थे। पहाड़ी को हरा भरा बनाने के लिए बच्चे वृक्षारोपण अभियान के भी सहभागी बने। इतना ही नहीं बच्चों ने प्रकृति पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान के नाम पत्र कलेक्टर को सौंपा गया।
बच्चों द्वारा पर्यावरण की रक्षा गुहार के बाद कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने मंच से ही अवैध उत्खनन करने वाले भू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश दे दिए। वहीं निगमायुक्त किशोर कन्याल ने बच्चों के पर्यावरण के प्रति जागरूकता मिशन को सतत चलाने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि ग्वालियर का पीएम 10 पर्यावरण का स्तर 30 प्रतिशत कम हुआ है, इसकी वजह से इस साल ग्वालियर को 25 प्रतिशत जो ग्रान्ट रह गई थी, वह अब 75 प्रतिशत हो जाएगी और इस बार ग्वालियर को पर्यावरण सुधार के लिए करीब 22 करोड़ 50 लाख रुपए ज्यादा मिलेंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी आईए जैदी ने कहा कि दरअसल ग्वालियर के बहोड़ापुर इलाके में पहाड़ी क्षेत्र में अवैध उत्खनन के चलते भू माफिया ने हरे भरे पहाड़ों को काटकर हजारों पेड़ों को खत्म करते जा रहे हैं, पहाड़ों के इस अवैध उत्खनन के खिलाफ बाल पर्यावरण संसद के नौनिहालों ने आवाज बुलंद की है, शिवनगर पहाड़ी की तलहटी में एक हजार पौधों का पौधारोपण किया गया, इसके साथ जिस पहाड़ी को भू माफिया ने काट कर मैदान बना दिया था। हालांकि इससे पहले पहाड़ी पर हरे भरे वृक्ष नजर आते थे।
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