पंपिंग लाइन में सुधार कार्य के चलते शहर की बहुत बड़ी आबादी पानी के लिए तरसी…

गर्मी आने से पहले ही पानी की किल्लत !

 


ग्वालियर। अभी गर्मी का ठीक से पदापर्ण भी नहीं हुआ और शहर में पानी की किल्लत ने पांव पसारना शुरू कर दिए हैं। या यूं कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि स्मार्ट सिटी ग्वालियर में जहां एक और लोगों को 24 घंटे पानी देने के सपने दिखाए जा रहे हैं, इन सपनों के आधार पर ही पूरे शहर को अमृत योजना के नाम पर खोदकर डाल दिया गया है पूरे शहर की गली मोहल्लों की सड़कें खुदी पड़ी हैं चारों तरफ धूल उड़ रही है लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है लेकिन स्मार्ट सिटी के नाम पर लोगों को सिर्फ और सिर्फ सपने ही दिखाए जा रहे हैं धरातल पर कुछ होगा ऐसा लगता नहीं है क्योंकि जब कहा जा रहा है कि लोगों को अमृत योजना से 24 घंटे पानी मिलेगा   लेकिन कैसे ?

यह कोई नहीं बता पा रहा है क्योंकि तिघरा बांध से जो पानी मिल रहा है वह अभी भी शहर की पूर्ति करने में पूरी तरह से सक्षम नहीं है इसीलिए तो पानी की शॉर्टेज को देखते हुए  पिछले कुछ वर्षों से गर्मियां आरंभ होने से पूर्व ही एक दिन छोड़कर कई क्षेत्रों में 1 दिन छोड़कर सप्लाई दी जा रही है। ऐसे में लोगों को 24 घंटे पानी कहां से और कैसे मिलेगा ?  क्योंकि स्टोरेज वह जल आपूर्ति के संसाधन केवल तिगरा और काकेटो बांध ही है जो ग्वालियर क्षेत्र को पीने का पानी दे पाते हैं। हर बार गर्मियों में बरसात कम होने पर ककेटो से पानी लिफ्ट करके तिगरा में डाला जाता है। तब कहीं जाकर एक दिन छोड़कर शहर वासियों को पानी मिल पाता है। उसमें भी कोई आकस्मिक परेशानी जाती है तो लोग पानी के लिए तरस जाते हैं ऐसा ही नजारा पिछले 2 दिन से लक्ष्मण तलैया क्षेत्र में देखने को मिला।

वह भी इसलिए की इस क्षेत्र में ना तो कोई हेडपंप है ना ही नलकूप इसलिए यहां के लोगों को पानी की किल्लत का सामना कुछ ज्यादा ही करना पड़ा। टैंकरों के लिए लिए लोग फोन लगाते रहे जहां निगम के टैंकर पहुंचे वहां पानी के लिए अच्छी खासी आपा-धापी देखी गई। लक्ष्मण तलैया क्षेत्र में पानी की किल्लत होने से आमजन में भारी आक्रोश व्याप्त है। यहां लोग अपने सारे कामकाज छोड़ पीने के पानी के लिए आसपास के क्षेत्रों से पानी की व्यवस्था करने में जुटे रहे।  स्थानीय नागरिकों ने बताया कि पानी की किल्लत इस क्षेत्र में काफी समय से है और लोगों ने स्थानीय पार्षद से कई बार इस संबंध में शिकायत की लेकिन आज तक लोगों की समस्या का स्थाई निदान नहीं हुआ जिसके कारण लोगों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ता है।

लोगों ने बताया कि गर्मी के मौसम में तो पानी के लिए हाहाकार मच जाता है। शहर में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां पानी के लिए लोगों को दूर-दूर तक भटकना पड़ता है तब कहीं पानी नसीब होता है। हर साल नगर निगम द्वारा शहर की पेयजल व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए लाखों रुपए बर्बाद किया जाता है फिर भी शहरवासियों को पानी के लिए जूझना पड़ता है। पिछले कई सालों से सांसदों विधायकों और मंत्रियों के द्वारा लगातार शहर की जनता को आश्वासन दिया जा रहा है कि चंबल से पानी लेकर आएंगे लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिलता है पानी तो अभी तक आया नहीं ऐसे में अमृत योजना से 24 घंटे पानी कहां से और कैसे देंगे फिर यही यक्ष प्रश्न दोबारा खड़ा होता है।

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