निगमायुक्त ने दिलाई स्वछता की शपथ…
थियोसोफिकल सोसाइटी में हुआ सर्व धर्म स्मारक का लोकार्पण
नगर निगम आयुक्त ने समारोह में उपस्थित जन समूह को दिलाई स्वछता की शपथ। भारत की संस्कृति और सभ्यता पूरे विश्व में महान है। यहाँ सभी धर्मो का सम्मान किया जाता है जो मानवीय प्रेम एवं भाईचारे को दर्शाता है और सुखद समाज का भाव जगाता है क्यूंकि सर्व धर्म समभाव से ही समाज का विकास होता है फूल बाग स्तिथ थियोसोफिकल सोसाइटी में स्थापित की गयी सर्व धर्म स्मारक के लोकार्पण समारोह में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में नगर निगम आयुक्त ने यह बात कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ केशव पांडेय ने की एवं संचालन संस्था के सचिव डॉ दिव्यार्थ दुबे ने तथा आभार व्यक्त जगदीश पाठक ने किया।
अध्यक्षता कर रहे डॉ पांडेय ने कहा की अंतराष्ट्रीय स्तर पर विश्व बंधुत्व की विचारधारा की संवाहक थियोसोफिकल सोसाइटी की ग्वालियर में स्थापना 1823 में कर्नल अलकोट एवं मैडम ब्लावट्स्की के संयुक्त सद्प्रयास से हुई थी अगले साल संस्था के १०० साल पूरे होंगे। संस्था के सचिव डॉ दिव्यार्थ दुबे ने बताया की थिओसोफी की विचारधारा के मूल सिद्धांत - जाति, धर्म और वर्ण तथा स्त्री - पुरुष का भेद किये बिना मानव जाति के विश्व बंधुत्व का एक केंद्र स्थापित करना है।
उन्होंने बताया की 40 साल पूर्व संस्था के तत्कालीन सचिव डॉ हरिशंकर द्विवेदी एवं नगर निगम प्रशासक डॉ भगीरथ प्रसाद ने सर्व धर्म स्मारक की स्थापना की थी, स्मारक के क्षतिग्रस्त होने पर इसका नवनिर्माण कराया गया। स्मारक की अद्भुत कलाकृति में सभी धर्मो के प्रतीक चिन्ह गीता, वीणा, धम्म चक्र, स्वास्तिक, क्रॉस, चाँद सितारा, कटार आदि का अस्तित्व है साथ ही थिओसोफी की अवधारणा का प्रतीक "सत्यन्नस्ति परो धर्मः " भी अंकित है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि निगम आयुक्त ने समारोह में उपस्थित जनसमूह को ग्वालियर में स्वस्छता में नंबर १ लाने का संकल्प लेकर स्वस्छता की शपथ दिलाई।
इस दौरान उन्होंने सभी
से अपने अपने
घरो में गीले
और सूखे कचरे
को अलग रखने
की बात कही
साथ ही स्वस्छता
रूपी महायज्ञ में अपनी
अपनी आहूती देने
का आग्रह किया।
समारोह में मूर्तिकार
दिनेश कुमार एवं
शिक्षा विद फूल
सिंह नरवरिया का
मुख्य अतिथि ने
सम्मान किया, जबकि संस्था
अध्यक्ष केशव पांडेय
ने निगम आयुक्त
कन्याल को सम्मानित
किया। इस दौरान
श्रीमती विमला द्विवेदी, आत्माराम
कुशवाह, राजेंद्र मुदगल, अरविन्द
जैमिनी, प्रोफेसर सोनिया कुशवाह, विजय पांडेय,
जीतेन्द्र डंगरोलिया, अभिलाख नरवरे,
अपर्णा दुबे, पुष्पा तीवारी,
जीतेन्द्र जादौन, सुरेश शर्मा
एवं नीरज सिरोही
प्रमुख रूप से
मौजूद थे।
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