आरक्षण को लेकर सियासत शुरू…
OBC के नाम पर माहौल बिगाड़ने का षड्यंत्र कर रही कांग्रेस : भूपेंद्र सिंह
भोपाल। अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण को लेकर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे ओबीसी संगठन के पदाधिकारियों की गिरफ्मारी पर सियासत भी शुरू हो गई है। शिवराज सरकार के वरिष्ठ मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि ओबीसी के नाम पर प्रदेश के माहौल को खराब करने का षड्यंत्र कांग्रेस कर रही है। इस पूरे कथित आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ है। पिछड़ा वर्ग के हितों पर कुठाराघात करने का काम कांग्रेस ने दो बार सुप्रीम कोर्ट और पांच बार हाईकोर्ट जाकर किया है। उनकी वजह से त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगी है और राजनीति की जा रही है। वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने ओबीसी संगठन के पदाधिकारियों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने की निंदा करते हुए कहा कि अब प्रदेश में किसी को अपनी बात कहने का अधिकार भी नहीं कर रह गया। आखिर सरकार पिछड़ा वर्ग के साथ अन्याय क्यों कर रही है।ओबीसी महासंघ ने पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिलाने के लिए रविवार को मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की घोषणा की थी। इसके मद्देनजर शनिवार से ही प्रदेश में संगठन के पदाधिकारियों को गिरफ्तार करना प्रारंभ कर दिया था। रविवार को सुबह जब कुछ कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने की कोशिश की तो रोशनपुरा चौराहे पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। इस आंदोलन को लेकर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने कहा कि जब मध्य प्रदेश सरकार ओबीसी के कल्याण व हित के लिए सभी कदम उठा रही है तो फिर पिछड़ा वर्ग के नाम पर लोग राजनीति क्यों कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने ओबीसी को नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण दिया और पंचायत चुनाव में आरक्षण की व्यवस्था की। कांग्रेस इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट गई। इसकी वजह से पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगी। सरकार की ओबीसी के प्रति प्रतिबद्धता है इसलिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वो अध्यादेश वापस लिया, जिससे पंचायत चुनाव रुक सके। सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी का पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे तीन जनवरी को पक्ष रखेंगे।
केंद्र सरकार भी सुप्रीम कोर्ट में कहेगी कि मध्य प्रदेश सरकार को मौका दिया जाए ताकि वह चार माह में ओबीसी के सामाजिक एवं आर्थिक परिस्थितियों संबंधी रिपोर्ट कोर्ट में रख सके। कांग्रेस दूसरे संगठनों और समाज के लोगों को जोड़कर प्रदेश के वातावरण को खराब करने का काम कर रही है। उन्होंने पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों से अपील की कि वे राजनीतिक मोहरा न बनें। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि शिवराज सरकार पिछड़ा वर्ग के दमन पर उतर आई है। भाजपा और उससे जुड़े संगठनों को प्रदेश में कहीं भी आयोजन करने की छूट है पर अपनी जायज बात कहने के लिए भोपाल पहुंचे पिछड़ा वर्ग को नहीं। नाकेबंदी के करके ओबीसी महासभा के पदाधिकारियों को भोपाल आने से रोका गया और अब उन्हें हिरासत में लिया जा रहा है। पिछड़ा वर्ग का हितैषी बताने वाली भाजपा सरकार में आंदोलन को कुचलने का काम हो रहा है पर कांग्रेस इनके साथ खड़ी है और उनके हक की मांग को लेकर संघर्ष करती रहेगी।
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