किसान भगवान की बनाई वह संरचना है जो...
किसान देश के अन्न दाता है| किसान भगवान की बनाई वह संरचना है जो अपने साथ-साथ लाखों करोड़ो लोगों का पेट भरते है| लेकिन कुछ लालची लोगों की वजह से देश का किसान परेशान है और उसे अपनी फसल का सही दाम नहीं मिल पा रहा है| किसान दिवस के मौके पर किसानों के लिए कुछ ऐसा करने की सोचे ताकि उनकी और उनके परिवार की जिंदगी पटरी पर लौट सके|
प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज आश्रम माधवगंज द्वारा राष्ट्रिय किसान दिवस पर किया गया किसानों का सम्मान।
जमीन जल चुकी है आसमान बाकी है,
सूखे कुएँ तुम्हारा इम्तहान बाकी है,
वो जो खेतों की मेढ़ों पर उदास बैठे हैं,
उनकी आखों में अब तक ईमान बाकी है,
बादलों बरस जाना समय पर इस बार,
किसी का मकान गिरवी तो किसी का लगान बाकी है।
ये सिलसिला क्या यूँ ही चलता रहेगा,
सियासत अपनी चालों से कब तक कृषक को छलता रहेगा।
छत टपकती हैं,
उसके कच्चे घर की,
फिर भी वो कृषक करता हैं दुआ बारिश की।
मत मारो गोलियो से मुझे,
मैं पहले से एक दुखी इंसान हूँ,
मेरी मौत कि वजह यही हैं,
कि मैं पेशे से एक किसान हूँ।
जिसकी आँखो के आगे,
किसान पेड़ पे झूल गया,
देख आईना तू भी बन्दे,
कल जो किया वो भूल गया।
किसान की आह जो दिल से निकाली जाएगी,
क्या समझते हो कि ख़ाली जाएगी।
भगवान का सौदा करता हैं,
इंसान की क़ीमत क्या जाने?
जो “सोयाबीन ” की क़ीमत दे न सके,
वो “जान ” की क़ीमत क्या जाने?
मर रहा सीमा पर जवान और खेतों में किसान,
कैसे कह दूँ इस दुखी मन से कि मेरा भारत महान
#कीसान दिवस पर ढेर सारी शुभकामनाएं
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