अभियान में 42 मिलावटखोरों पर लगाई थी रासुका…
मार्च तक खाद्यान्न परीक्षण प्रयोगशाला तैयार करने के निर्देश
इंदौर। खाने-पीने की वस्तुओं में मिलावट करने वाले कारोबारियों पर रासुका लगाकर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकार मिलावट के खिलाफ फिर से अभियान शुरू करेगी। कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट ने शुक्रवार को इंदौर में यह घोषणा की। मंत्री ने इंदौर के तलावली चांदा में बन रही खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। 2019 में लैब का भूमिपूजन स्वास्थ्य मंत्री रहते सिलावट ने ही किया था इसका निर्माण इसी वर्ष नवंबर में पूरा होना था। हालांकि अब तक लैब तैयार नहीं हो सकी है। मंत्री ने कहा कि लैब को तैयार करने के लिए मार्च तक का समय दिया गया है। लैब बनने के बाद खाद्य नमूनों की जांच भी जल्दी हो सकेगी और कार्रवाई भी तेजी से होगी।
इंदौर में तेजी से बढ़ रहे मिलावट के काले कारोबार के खुलासा बीते दिनों ही हुआ था। सबसे बड़े थोक किराना बाजार सियागंज के व्यापारी एसोसिएशन ने ही मिलावट के खिलाफ आवाज बुलंद की थी सियागंज व्यापारी एसोसिएशन ने ही कहा था कि इंदौर के बाजार से बिकने वाले 20 प्रतिशत से भी ज्यादा सामान मिलावटी है। व्यापारी एसोसिएशन ने चिंता जताई थी कि मिलावटखोरों के कारण लोगों की सेहत के साथ इंदौर के बाजारों की साख भी बिगड़ रही है। हालांकि प्रदेश में खाद्य पदार्थों की जांच की उचित व्यवस्था नहीं होने और लचर प्रशासन के कारण मिलावटखोर कार्रवाई से बच रहे हैं। एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल ने कहा था कि भोपाल की एक मात्र परीक्षण लैब के भरोसे पूरा प्रदेश है। नतीजा ये है कि साल से डेढ़ साल तक तो नमूनों की जांच के नतीजे ही नहीं आते। इसके बाद भी सुस्त सरकारी प्रक्रिया मिलावट करने वालों पर कार्रवाई नहीं होने देती।
मंत्री सिलावट ने निर्माणाधीन खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला का निरीक्षण करने के बाद कहा कि इंदौर में 18 करोड़ की लागत से लैब को सर्वसुविधा युक्त बनाया जा रहा है। इसके साथ एक-एक लैब जबलपुर और ग्वालियर में भी बन रही है। वहां भी निर्माण शुरू हो चुका है। तीनों लैबों की लागत करीब 58 करोड़ रुपये हैं। मैंने स्वास्थ्य मंत्री रहते जानकारी निकाली थी तो कैंसर से लेकर किडनी और लीवर की बीमारियों के पीछे मिलावट ही सबसे बड़ी वजह बताई गई। पहले इंदौर से ही शुद्ध खाद्य सामग्री के लिए मुहिम शुरू की गई थी। अब फिर से मुहिम शुरू होगी। मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रविधान को मंजूरी दे दी है जिसमें मिलावटी सामान बेचने वालों को आजीवन कारावास की सजा भी दी जा सकती है। अब नए कानून के हिसाब से सख्त कार्रवाई होगी। बीते अभियान में प्रदेश में 42 रासुका मिलावटखोरों पर लगाई थी। फिर से ऐसी ही कार्रवाई शुरू होगी।
इस बीच कारोबारियों ने शिकायत की है कि फिलहाल खाद्य औषधि प्रशासन में दलाल मिलावटी सामग्री के नमूनों को भी जांच में पास करवाने का काम कर रहे हैं। हो ये रहा है कि रिश्वत के दम पर नूमने पास करवाए जा रहे हैं। कुछ ब्रांड ने तो ठेका दे दिया है उनके सैंपल जाते ही लैब से जुड़े दलाल सक्रिय हो जाते हैं। मंत्री ने कहा कि जांच की प्रक्रिया को पारदर्शी और ईमानदार बनाने के लिए बदला जाएगा। इसको लेकर सीधे ईमानदार कारोबारियों से सुझाव लिए जा रहे हैं। नमूनों की जांच भी कोड के आधार पर करवाई जाएगी। लोगों के लिए जल्द ही एक हेल्पलाइन जारी होगी। जहां मिलावट करने वालों के खिलाफ गोपनीय शिकायत दर्ज करवाई जा सकेगी।
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