रेत रॉयल्टी वसूली के अवैध नाके पर प्रशासन की कार्रवाई…
अवैध उत्खनन एवं परिवहन को लेकर प्रशासन सख्त
डबरा अनुभाग में पिछले 18 महीने से रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन को लेकर प्रशासन सख्त रवैया अपनाने का मूड बना लिया है। जिसके लिए आज अनुविभागीय अधिकारी प्रदीप शर्मा तहसीलदार दीपक शुक्ला ने शुक्रवार सुबह चांदपुर, रायपुर और सहराई पर लगे अवैध रेत रायल्टी की वसूली के के लिए बनाए गए चिड़िया घरों को ध्वस्त करते हुए उन्हें जला दिया।
वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्वालियर ज़िले में रेत का ठेका एमपी सेल्स कॉरपोरेशन के पास है जिसमें कंपनी के नाकों पर 2 दिन से विवाद जारी है कंपनी के मालिक द्वारा अन्य किसी को हिस्सेदारी बेच दी गई है जिसके कारण पुराने पार्टनर विवाद खड़ा कर रहे हैं वहीं बाहरी लोग नाके पर आकर कब्जा जमाने में जुट गए हैं। आपको बता दें कि कंपनी को लगभग 6 करोड की किस्त भरना है जो अभी तक नहीं भरी गई है इसके बावजूद रेत ठेकेदार अपनी मर्जी से बिना रॉयल्टी के गेट पास से चांदपुर रायपुर लिधौरा बाबूपुर सेमरी सिली वेटरनरी बिजकपुर आदि घाटों से बड़े पैमाने पर रेत का अवैध उत्खनन और परीवहन हो रहा हैं।
पाटनरों में लेनदेन के कारण बिगड़े हालातों के रेत उत्खनन का ठेका लेने वाली एमपी सेल्स कंपनी एक बार फिर विवादों में है सूत्रों से जानकारी मिली है कि ठेकेदार ने अपने पार्टनर को भरोसे में लिए बिना किसी अन्य ठेकेदार को काम दे दिया है जिससे बॉर्डर दोनों में विवाद शुरू हो गया है वही कंपनी की ओर से शासन को कि स्त्री जमाने की गई है जिस पर कलेक्टर ने एमपी सर के डायरेक्टर मनोज अग्रवाल को नोटिस भेजा है और अगले 2 दिन में कैसे जमा न करने पर टीका नृत्य करने की चेतावनी दी है।
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