परंपरागत जल संरक्षण जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए होगा मंथन

 

राष्ट्रीय जल सम्मेलन में---

परंपरागत जल संरक्षण जल संरचनाओं को पुनर्जीवित करने के लिए होगा  मंथन 

ग्वालियर । 10- 12  दिसंबर को ग्वालियर के भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंध संस्थान (आईआईटीटीएम)  में विरासत बचाओ : राष्ट्रीय जल सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। जिसमे देशभर के जल संरक्षण, नदी पुनर्जीवन  पर चर्चा करने हेतु पर्यावरणविद एवं सामाजिक कार्यकर्ता, राजनेता, अधिकारी, जल सहेली, जल योद्धा एकत्रित होंगे। कार्यक्रम का उद्घाटन 10 तारीख को प्रातः 10:30 बजे  भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री  ज्योतिरादित्य सिंधिया  के द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम के दौरान  जल संरक्षण, जलवायु परिवर्तन, नदी पुनर्जीवन, तालाबों की संस्कृति, भारत में परंपरागत जल संरक्षण की पद्धतियां, कृषि में पानी के बढ़ते उपयोग एवं सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में  जनभागीदारी  सहित 10 सत्रों पर चर्चा की जाएगी।

सम्मेलन के दूसरे दिन मुख्य अतिथि के रूप में भारत सरकार के जल शक्ति राज्यमंत्री पहलाद पटेल उपस्थित होंगे साथ ही केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न अधिकारी सहभागिता कर रहे हैं। कार्यक्रम का उद्देश्य प्रमुख रूप से 2026 में देश के सामने जल संकट की उभरती समस्या को देखते हुए भविष्य की दिशा और दशा तय करना है। इस कार्यक्रम में भारत में जल पुरुष के नाम से विख्यात राजेंद्र सिंह तीनों दिन विशेष तौर से उपस्थित रहेंगे साथ ही  तेलंगाना वाटर कमीशन के चेयरमैन प्रकाश राव, जल बिरादरी के राष्ट्रीय संयोजक सत्यनारायण बुलसेट्टी, कर्नाटक से अप्पा साहब, मुंबई से पर्यावरणविद एवं शिक्षाविद प्रो. स्नेहल डोंडे,  महाराष्ट्र सरकार के प्रशासनिक अधिकारी सुधीर राठौर, गुजरात से मुकेश पंडित, राजस्थान से जयेश जोशी, उत्तर प्रदेश सर्वोदय समाज के अध्यक्ष राम धीरज भाई, अरविंद भाई, डॉक्टर मेजर हिमांशु, कोलंबिया यूनिवर्सिटी से स्वेता झुनझुनवाला सहित बड़ी संख्या में पूरे देश से जल संरक्षण पर काम करने वाले विशेषज्ञ उपस्थित होंगे। कार्यक्रम का आयोजन जन-जन जोड़ो अभियान द्वारा किया जा रहा है इस कार्यक्रम के संयोजक सर्वोदय समाज परिषद के अध्यक्ष मनीष राजपूत हैं जिन के विशेष आवाहन पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।


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