जोरदार हंगामे के बीच---
1 दिन पहले आज खत्म हो सकता संसद का शीतकालीन सत्र
नयी दिल्ली: लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष की अलग-अलग मांगों और मुद्दों की वजह से सदन में लगातार हंगामे की गुंज है। लेकिन, अब संसद का शीतकालीन सत्र अपने निर्धारित समय से एक दिन पहले बुधवार को संपन्न होने की संभावना है। संसदीय सचिवालय के सूत्रों ने बताया है कि चूंकि अधिकतर सरकारी विधायी कार्य अभी तक संपन्न हो चुका है, मौजूदा सत्र को उसके निर्धारित कार्यक्रम से एक दिन पहले ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित किया जा सकता है। मौजूदा शीतकालीन सत्र 29 नवंबर को शुरू हुआ था और इसके 23 दिसंबर तक चलने का कार्यक्रम था।
दरअसल, विपक्ष ने संसद के दोनों सदन में सरकार को लखीमपुर खीरी हिंसा, किसानों के मुद्दे और 12 सदस्यों के निलंबन को लेकर जमकर घेरा है। विपक्ष केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के इस्तीफे की मांग पर अड़ा हुआ है। जबकि, सरकार इस पर कोई प्रतिक्रिया देने से बच रही है। मंगलवार को तृणमूल कांग्रेस नेता डेरेक ओ ब्रायन को सेक्रेटरी जनरल पर रूल बुक फेंकने के मामले में सस्पेंड कर दिया गया। डेरेक ओ ब्रायन को मौजूदा सत्र के बचे दिनों के लिए सस्पेंड किया गया। बता दें कि, राज्यसभा में मतदाता पहचान पत्र के आधार कार्ड से जोड़ने से संबंधित निर्वाचन विधि (संशोधन) विधयेक 2021 पारित कराने के दौरान कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने जमकर हल्ला बोला।
सरकार ने इस सत्र में ध्वनि मत से पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने से संबंधित निर्वाचन विधि (संशोधन) विधयेक 2021 पारित करा चुकी है। विपक्ष ने सरकार को इस दौरान जमकर घेरा। विपक्षी सदस्य विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने की मांग कर रहे थे। सरकार की दलील है कि मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए ये विधेयक जरूरी है। इसे पास कराया गया है। अब ये राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा, हस्ताक्षर के बाद ये कानूनी रूप ले लेगा।
पूरे सत्र में सरकार और विपक्ष- दोनों आमने-सामने रहा। कई बार विपक्षी दलों ने अपनी मांग को लेकर सदन से वॉक-आउट किया। वहीं, सपा सांसद जया बच्चन का गुस्सा केंद्र के खिलाफ राज्यसभा में फुंट पड़ा। औसतन पूरे सत्र में 12 सदस्यों के निलंबन का मुद्दा गरमाता रहा।
दरअसल, संसद के मानसून सत्र में हंगामे और अनुशासनहीनता के आरोप में राज्यभा के 12 सासंदों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित सदस्यों में कांग्रेस, टीएमसी, शिवसेना, सीपीएम के सांसद शामिल हैं। निलंबन वापस लिये जाने की मांग को लेकर केंद्र और विपक्ष में पूरे सत्र के दौरान आरोप-प्रत्यारोप और जोरदार हंगामा देखने को मिला। पिछले दिनों केंद्र ने निलंबित सदस्यों के चार दलों को बातचीत के लिए आमंत्रित किया था। लेकिन, सभी विपक्षी दलों को ना बुलाये जाने और केंद्र द्वारा मांफी ना मांगने को लेकर इन चार दलों ने सरकार के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था ।
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