इसमें 61 फीसदी बच्चे !
तीसरे दिन मिले 50 से ज्यादा डेंगू के मरीज
ग्वालियर। तीसरे दिन शहर में मिले नए डेंगू मरीजों का आंकड़ा 50 से ज्यादा रहा। कुल 384 सैंपल की जांच में 109 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव निकली। इसमें भी चिंताजनक बाते ये है कि कुल मरीजों में से ग्वालियर के मरीजों की संख्या 73 है। इसमें 52 बच्चे भी शामिल हैं। गजराराजा मेडिकल कॉलेज की लैब में हुई जांच में 91 मरीज मिले, जबकि जिला अस्पताल की जांच में 18 मरीज मिले। यहां बता दें कि 21 अक्टूबर को 69 व 22 अक्टूबर को शहर में डेंगू के 64 मरीज मिले थे। शहर में डेंगू के मरीजों की संख्या 1131 पहुंच गई है। सात दिन में 406 मरीज मिले, इसमें 61 फीसदी बच्चे: डेंगू का प्रकोप कितनी तेजी से फैल रहा है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 17 से 23 नवंबर के बीच ग्वालियर में डेंगू के कुल 406 नए मरीज मिले।
इसमें सबसे ज्यादा चिंताजनक बात ये है कि इसमें 247 मरीज बच्चे (18 वर्ष या उससे कम आयु के ) हैं। ये आंकड़ा इसलिए भी चिंताजनक है क्योंकि डेंगू संक्रमितों की कुल संख्या में बच्चों का प्रतिशत बढ़ रहा है। की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग और निगम का अमला कितना सजग है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिन घरों में डेंगू के मरीज निकल रहे हैं, वहां अमला न तो सर्वे करने जा रहा है और न दवा का छिड़काव कर रहा है। ताजा मामला महारानी लक्ष्मीबाई कॉलोनी और सिकंदर कंपू का है। दोनों जगह शुक्रवार को डेंगू के मरीज मिले। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने फोन कर बताया कि आपके घर में डेंगू का केस मिला है। टीम घर आकर सर्वे करेगी, लेकिन शनिवार तक कोई नहीं पहुंचा।
डेंगू के मामले में बच्चे हाई रिस्क कैटेगरी में रहते हैं। कारण ये है कि अधिकांश बच्चों के हाथ-पैर खुले होने से डेंगू का मच्छर आसानी से उन्हें काट लेता है। बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम रहती है। डेंगू का समय पर इलाज मिल सके, इसके लिए डेंगू के लक्षण की पहचान होना जरूरी है। बच्चे को पेट में दर्द, बार-बार उल्टी, नाक से खून निकलने, शरीर में नीले धब्बेे, सांस लेने में तकलीफ हो जांच कराएं - डॉ. रवि अंबे, एसोसिएट प्रोफेसर, पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट, जीआरएमसी
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