दाऊद के गिरफ्तार आतंकियों से पूछताछ में हुए बड़े खुलासे…
आतंकी साजिश से बाल बाल बचा देश !
नई दिल्ली। देश पर आतंकी हमले की एक बड़ी साजिश का खुलासा हुआ है. अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार छह आतंकियों ने कई शहरों तक विस्फोटक पहुंचाने का दावा किया है. कई राज्यों की पुलिस अब इस पूरी साजिश के तार जोड़ने में जुटी है. हालांकि कहा ये जा रहा है कि आखिरी वक्त में पर्दाफाश होने से आतंकी धमाके से देश बाल बाल बच गया. इन आतंकियों में पहला नाम है जान मोहम्मद शेख का, जो मुंबई का रहने वाला है. उसे पुलिस ने राजस्थान के कोटा में गिरफ्तार किया. इस गैंग का दूसरा चेहरा है अबू बक्र जो यूपी के बहराइच का रहने वाला है, उसे दिल्ली से पकड़ा गया. तीसरा शख्स ओसामा है, इसे भी दिल्ली में ही गिरफ्तार किया गया. चौथा नाम मूलचंद उर्फ लाला का है, ये यूपी के रायबरेली का रहने वाला है. पांचवा नाम प्रयागराज का जीशान कमर और छठां चेहरा लखनऊ का आमिर जावेद है.
पुलिस के मुताबिक, देश के कई शहरों में विस्फोटक पहुंच चुका था. यूपी की रेकी हो चुकी थी, महाराष्ट्र की रेकी करने वाले थे. जान मोहम्मद मुंबई से यूपी जाते वक्त पकड़ा गया. जान मोहम्मद यूपी से विस्फोटक लेने जा रहा था. धमाके के लिए उत्तर प्रदेश पर सबसे ज्यादा फोकस था. कई राज्यों की पुलिस अब इस जांच में लगी है कि विस्फोटक किन शहरों में पहुंचा, इस साजिश में कुल कितने आतंकी शामिल थे. फिलहाल पुलिस को आतंकी ओसामा के दो रिश्तेदारों की तलाश है. बताया जा रहा है कि हुमैद. आतंकी ओसामा का चाचा है. हुमैद के जिम्मे IED पहुंचाने का काम था. दूसरा संदिग्ध उबैदुर रहमान है, जो ओसामा का पिता है. सूत्रों के मुताबिक उबैदुर रहमान दुबई में हो सकता है, ये ISI के सीधे संपर्क में है. ओसामा से पूछताछ और चैट से ये खुलासा हुआ है. सूत्रों की मानें तो पहले ISI के टारगेट पर यूपी था उसके बाद महाराष्ट्र. दरअसल दाऊद ने पूरी साजिश ही 1993 के मुंबई ब्लास्ट के पैटर्न पर रची थी.
1993 की ही तरह डी कंपनी को विस्फोटक पहुंचाने और फंडिंग का काम दिया गया, दाऊद के भाई अनीस की भूमिका इस बार भी वही थी जो 1993 में थी. 1993 धमाके में लॉजिस्टिक के लिए स्थानीय गिरोह का इस्तेमाल हुआ, इस बार भी यूपी, दिल्ली और महाराष्ट्र के लोगों को इस्तेमाल किया जा रहा है. 1993 के धमाके में ट्रेनिंग के लिए खाड़ी देशों के रास्ते दाउद के गुर्गे पाकिस्तान पहुंचे, इस बार भी ट्रेनिंग के लिए मस्कत के रास्ते लोग पाकिस्तान भेजे गए. 1993 के धमाके में सारा कोओर्डिनेशन अनीस इब्राहिम ने किया था, 2021 में भी अनीस इब्राहिम को ही कोआर्डिनेटर बनाया गया है. साजिश ये थी कि त्यौहारों के मौके पर एक साथ कई जगहों पर धमाकों से देश को दहलाया जाए. पूरे मामले की जांच का अभी शुरुआती ही चरण है, जैसे जैसे पूछताछ होगी, वैसे वैसे पूरा आतंकी प्लान बेनकाब होगा.
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