फसल बचाने के लिए महिलाओं ने कराई नाबालिग लड़कियों की नग्न Parade

बनिया गांव में तो महिलाओं ने हद ही कर दी…

फसल बचाने के लिए महिलाओं ने कराई नाबालिग लड़कियों की नग्न परेड

दमोह। ग्रामीण अंचलों में अधिकांश लोग खेती पर निर्भर हैं और बारिश नहीं होने से धान की फसलें सूख रही हैं इसलिए गांव-गांव अखंड कीर्तन और महिलाएं खेर माता मंदिर में माता को गोबर से थोपकर और मिदरिया को मूसर में बांधकर टोटका कर रही हैं। दमोह जिले के जबेरा ब्लॉक की अमदर ग्राम पंचायत के ग्रामीण अंचल बनिया गांव में तो महिलाओं ने हद ही कर दी महिलाओं ने गांव की नाबालिग लड़कियों को पूरा नग्न कर उन्हें मूसल में बांधकर पूरे गांव में घुमाया उनका कहना है कि ऐसा करने पर बारिश हो जाती है इस मामले को संज्ञान में लेते हुए आयोग ने कलेक्टर को 10 दिन में जवाब देने के लिए कहा है। 

जिले की जबेरा ब्लॉक के बनिया गांव में तीन दिन पहले अंधविश्वास से जुड़ा एक मामला सामने आया था। इसमें बारिश के लिए गांव की महिलाओं ने छोटी-छोटी बच्चियों को निर्वस्त्र कर उन्हें गांव में भ्रमण कराया था और उसके बाद गांव के खेर माता मंदिर में उन बच्चियों से देवी मां की प्रतिमा पर गोबर छपवा दिया था। मामला सामने आने के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लेते हुए कलेक्टर को नोटिस जारी कर दिया। कलेक्टर को नोटिस जारी होने के तत्काल बाद प्रशासन हरकत में आ गया है और मामले की सच्चाई जानने गांव पहुंच गया।

पंचायत सचिव जागेश्वर राय ने बताया कि मामले की जानकारी लेने पुलिस व महिला बाल विकास के अधिकारी गांव पहुंचे थे। उन्होंने महिलाओं से इस मामले में जानकारी ली। महिलाओं ने अपनी गलती पर क्षमा मांगते हुए दोबारा कभी भी ऐसा कोई कृत्य नहीं करने की शपथ ली है। अधिकारियों ने गांव में पंचनामा तैयार किया है, जिसे वरिष्ठ अधिकारियों तक भेजा जाएगा।

सचिव जागेश्वर राय ने बताया कि जब अधिकारी गांव पहुंचे और महिलाओं से बात की तो उन्होंने कहा- यह पुरानी परंपरा है। बारिश नहीं होने के कारण सभी परेशान हैं, फसलें खराब हो रही हैं, इसलिए उन्होंने सोचा कि यह पुराना टोटका कर लिया जाए। उन्हें नहीं मालूम था कि ऐसा करना अपराध की श्रेणी में आता है। जब अधिकारियों ने मामले की गंभीरता की जानकारी दी तो महिलाओं ने कहा कि वह अपने द्वारा किए गए इस कृत्य के लिए माफी चाहती हैं। अनजाने में जो कुछ हुआ है, उसे उन्हें क्षमा किया जाए। वह जीवन में फिर कभी इस तरह की कुरीतियों को नहीं मानेंगे।

पुलिस की ओर से गांव पहुंची जबेरा TI इंद्रा ठाकुर बच्चों की निर्वस्त्र करने से जुड़े मामले में अपना अलग ही पक्ष बता रही हैं। उनका कहना है कि इस मामले में जिस तरह का प्रस्तुतीकरण दिया गया है, सत्यता उसके बिल्कुल विपरीत है। उन्होंने गांव जाकर वीडियो की सत्यता जानी तो उन्हें यह स्पष्ट हो गया कि जानबूझकर गांव की बच्चियों को निर्वस्त्र नहीं किया गया था।

गांव की महिलाएं बारिश के लिए एक धार्मिक कार्य कर रही थीं, जिसके तहत गांव की खेर माता में मौजूद प्रतिमा को गोबर का लेप किया जाता है। उस समय कुछ बच्चियां निर्वस्त्र होकर समीप ही नहर में नहा रही थीं और महिलाओं ने उन्हें बुलाकर वह धार्मिक कार्य करवाया था, जिसे गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है। हालांकि, TI ने यह बात भी कबूल की कि उन्होंने गांव की महिलाओं को दोबारा ऐसा कार्य नहीं करने की हिदायत दी है।

Note : G.News 24  का उद्देश्य अंधविश्वास (Superstition) फैलाना नहीं है, बल्कि ऐसी रूढ़ियों से लोगों को आगाह करना है कि इस तरह का कृत्य मानवाधिकार का उल्लंघन हैं।

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