प्रदूषण पर माननीय कितने गंभीर...

लोकसभा में चर्चा के लिए पहुंचे महज 18 फीसदी सांसद




दिल्ली के प्रदूषण पर कुछ दिन पहले ही चर्चा में भाग नहीं लेने पर भाजपा सांसद व पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर की काफी आलोचना हुई थी। मगर अन्य सांसदों को भी दिल्ली के घुटते दम को लेकर कोई चिंता नहीं है। इसका नजारा आज लोकसभा में भी दिखा जब प्रदूषण जैसे गंभीर विषय पर चर्चा हो रही थी।

शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लोकसभा में प्रदूषण पर गंभीर चर्चा आयोजित की गई। मगर खाली पड़ी सीटों के बीच महज कुछ सदस्यों ने इस चर्चा में हिस्सा लिया। उनमें से भी कुछ तो इस दौरान बस सियासी हमले ही करते रहे।

दिल्ली में रहने वाले लोगों की सेहत की चिंता को लेकर हमारे मानयीय कितने गंभीर हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महज मंगलवार को महज 18 फीसदी उपस्थिति ही रही। दिल्ली में भाजपा के सात सांसद हैं, लेकिन इनमें से रमेश बिधूड़ी और हंसराज हंस ने चर्चा में हिस्सा ही नहीं लिया।

सवाल सिर्फ सांसदों पर ही नहीं, लोकसभा के अधिकारियों और स्टाफ पर भी उठ रहा है जो इस दिन सदन पहुंचे ही नहीं। लोकसभा स्पीकर ने इस पर भारी नाराजगी जताते हुए इन्हें नोटिस जारी किया है। प्रदूषण पर चर्चा के दौरान दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में ही उलझे रहे।

उन्होंने सीएम अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आप सांसद भगवंत मान भी संसद नहीं पहुंचे। हालांकि, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने गंभीरता से प्रदूषण का मुद्दा उठाया। उन्होंने आंकड़ों के जरिए बताया कि दिल्ली में किस तरह प्रदूषण का आतंक मचा हुआ है।

प्रदूषण जैसे गंभीर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट तक अपनी चिंता जाहिर कर चुका है। राज्य सरकारों और अफसरों को भी उसने फटकार लगाई है। उसके सख्त निर्देश पर ही पंजाब-हरियाणा जैसे राज्यों में पराली का जलाना कम हुआ है। अन्यथा राजनीतिक दलों में सियासी खेल ही चलता रहा था।

कोई भी दल किसानों को नाराज करने के डर से कदम नहीं उठाना चाहता था। हां, सियासी बयानबाजी खूब हुई। गौतम गंभीर का मामला शायद ही कोई भूला होगा जिसमें वह इसी मुद्दे पर निशाने पर आ गए थे। प्रदूषण को लेकर होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक के दिन वह दिल्ली में ही नहीं थे, बल्कि भारत-बांग्लादेश टेस्ट के दौरान कमेंट्री के लिए इंदौर पहुंच गए।

यहां उनका जलेबी खाता फोटो वायरल हो गया। इसके बाद आम आदमी पार्टी ने उनपर हमला बोल दिया। गंभीर ने भी पलटवार करने में देर नहीं लगाई। उन्होंने यहां तक कहा कि अगर उनके जलेबी खाने से प्रदूषण रुकता है तो वह जलेबी खाना छोड़ देंगे। इसे लेकर राजनीति अब भी जारी है।

 बहरहाल, आज हुई चर्चा के दौरान वह संसद में जरूर मौजूद थे। जब प्रदूषण पर देश और दिल्ली में हाहाकार मचा हो ऐसे में हमारे माननीयों की संसद में गैरमौजूदगी और उनका रवैया चौंकाता जरूर है। जब हमारे सांसद ही कुछ बोलने और सुनने को तैयार नहीं हैं तो इससे लड़ने का एक मजबूत खाका तैयार होने की बात ही दूर की कौड़ी नजर आती है। सांसदों ने आज बता दिया कि दिल्ली की जनता को अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी है। या तो वह रामभरोसे रहे या फिर सुप्रीम कोर्ट के भरोसे।
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