मप्र में सियासी उठापठक की खबरें...
सिंधिया समर्थक विधायकों की लामबंदी के प्रयास तेज !
भोपाल । महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घटनाक्रम के बीच भाजपा ने अब कांग्रेस को मध्य प्रदेश में बड़ा झटका देने की रणनीति पर काम तेज कर दिया है। भाजपा ने कांग्रेस में असंतुष्ट चल रहे पार्टी महासचिव और पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से संपर्क बढ़ा लिया है। साथ ही सिंधिया समर्थक विधायकों की लामबंदी के प्रयास तेज कर दिए हैं !
सिंधिया के ट्विटर स्टेटस में बदलाव से भी इस खबर को बल मिलता है। सिंधिया ने अपने ट्विटर स्टेटस में बदलाव कर वहां अपने परिचय में 'जनसेवक और क्रिकेट प्रेमी' लिख दिया है। इससे पहले सिंधिया के प्रोफाइल में 'पूर्व लोकसभा सदस्य गुना (2000-2019), पूर्व मंत्री (ऊर्जा) स्वतंत्र प्रभार और पूर्व मंत्री वाणिज्य व उद्योग दर्ज था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा अपना ट्विटर स्टेटस बदले जाने के बाद प्रदेश की सियासत में अचानक चर्चाएं शुरू हो गई हैं| उन्होंने ट्विटर हैंडल पर अपना बॉयो स्टेटस में बदलाव करते हुए पूर्व के सरकारी पदों और कांग्रेस का जिक्र हटाकर खुद को समाजसेवी और क्रिकेट प्रेमी बताया है। इसको लेकर कई नई चर्चाओं ने जन्म लिया और सिंधिया के बहजपा में जाने को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया| हालाँकि सिंधिया ने सभी अफवाहों को निराधार बताया| लेकिन मामला अभी थमा नहीं है, ट्वीटर पर #mamavapisaarahehai ट्रेंड कर रहा है। इसके साथ ही सिंधिया और मप्र भी ट्वीटर की टॉप ट्रेडिंग में शामिल हैं। लोग इसको लेकर पोस्ट कर रहे हैं|
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अधिकारिक ट्विटर एकाउंट से पार्टी का नाम हटा दिया है। सिंधिया ने कांग्रेस का नाम हटाकर समाजसेवी लिखा है। सिंधिया के इस फैसले के बाद मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में हड़कंप मच गया है। राजनीतिक गलियारों में सोमवार की सुबह इसी चर्चा के साथ हुई और दोपहर तक तमाम बड़े नेताओं ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दी|
वहीं सिंधिया के इस कदम को उनकी पार्टी से नाराजगी माना जाने लगा, इस बीच उनके भाजपा में जाने की भी अटकलें शुरू हो गई| हालाँकि इस घमासान पर आख़िरकार सिंधिया ने चुप्पी तोड़ते हुए सभी अफवाहों को निराधार बताया| ज्योतिरादित्य ने कहा कि मैंने क्षेत्र की जनता की सलाह पर अपने ट्विटर पर बायो को छोटा किया है। इसको लेकर जो भी अफवाहें फैलाई जा रही हैं वो निराधार हैं।
कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद सिंधिया सीएम पद की दौड़ में शामिल थे, लेकिन कमलनाथ को मुख्यमंत्री बनाया गया| इसके बाद से ही उनके समर्थक नाराज हैं और सिंधिया को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनाये जाने की मांग कर रहे हैं| वहीं सिंधिया की नाराजगी से भी हर कोई वाकिफ है। इसी के चलते बीच-बीच में यह खबरें आती रहती हैं कि वह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में हैं। सोमवार को अचानक सिंधिया के द्वारा स्टेटस बदलने के बाद इन चर्चाओं को बल मिलने लगा |
सिंधिया बड़े कद के नेता हैं और उनके खेमे के कई मंत्री कमलनाथ सरकार में शामिल हैं। इसमें तुलसी सिलावट, प्रद्युम्न तोमर, उमंग सिंघार, प्रभुराम चौधरी, इमरती देवी जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं। सिंधिया कई मौके पर अपनी ही सरकार पर सवाल उठा चुके हैं, ऐसे में उनका अचानक स्टेटस बदलते हुए कांग्रेस को हटाना चर्चा का विषय बन गया| सवाल उठने लगे कि क्या सिंधिया नाराज हैं और कोई बड़ा कदम उठाने वाले हैं|
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