आसान नहीं होगा एनसीपी के विधायकों को अयोग्य ठहराना

दलबदल कानून के तहत विधानसभा अध्यक्ष के पास असीमित अधिकार...

आसान नहीं होगा एनसीपी के विधायकों को अयोग्य ठहराना


नई दिल्ली। महाराष्ट्र में जिस नाटकीय तरीके से भारतीय जनता पार्टी ने राकांपा विधायक दल के नेता अजीत पवार और उनके सहयोगियों को साथ में लेकर शनिवार की अल सुबह ही सरकार बना ली, उससे शरद पवार की पार्टी सकते में है। शरद पवार ने इस घटनाक्रम को अजीत पवार का निजी फैसला बताया है। राजनीतिक पेच लड़ाने के साथ अब कानूनी दांवपेंच भी आजमाए जा रहे हैं।

लेकिन राकांपा विधायकों को अयोग्य साबित करना इतना आसान नहीं होगा। पार्टी फैसले के खिलाफ जाने पर अजीत पवार और उनके समर्थकों को राकांपा बर्खास्त कर सकती है। लेकिन इस फैसले से विधानसभा में उनकी सदस्यता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

संवैधानिक विशेषज्ञ और लोकसभा महासचिव रहे पीडी आचारी का कहना है कि शपथ ग्रहण से पहले बर्खास्तगी का कोई असर निर्वाचित सदस्यों पर नहीं पड़ेगा। राकांपा नवनिर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष उन्हें अयोग्य घोषित करने का आवेदन कर सकती है।

आचारी के अनुसार 'दलबदल कानून की खामियों का फायदा सदस्यों को मिल सकता है। विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के पास सदन में असीमित अधिकार हैं। दलबदल कानून के प्रावधानों में अयोग्यता की याचिका पर फैसला लेने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

इसी का फायदा उठाकर स्पीकर सत्तारूढ़ दल के हित में अभी तक फैसला लेते रहे हैं। विभिन्न राज्यों में इस तरह के मामलों में स्पीकर के फैसले को ही अंतिम माना गया है। समय सीमा न होने की वजह से स्पीकर ऐसे मामले को जांच दर जांच करवाने के नाम पर सालों साल लंबित रखते रहे हैं। महाराष्ट्र के बदलते राजनीतिक घटनाक्रम में अब सबकी नजर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार के अगले कदम पर है।
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